जयपुर. जैसे-जैसे दीपावली का त्योहार नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे फेस्टिवल सेलिब्रेशन की गुलाबी नगरी में धूम मचने लगी है. त्योहार के इस सीजन में यूथ खास कर उत्साह के साथ शामिल ही नही हो रहा बल्कि राजस्थानी कला एवं संस्कृति से भी जुड़ रहा है. युवाओं की संस्था जयपुर युविका, राजस्थान पर्यटन विभाग और मान द वैल्यू फाउंडेशन ने मिलकर " जयपुर फिएस्टा " दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन करवाया. कार्यक्रम में 2000 से अधिक युवा पहुंचे. कार्यक्रम में 50 से अधिक स्टाल्स लगाकर युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ राजस्थान की कला और संस्कृति से युवाओं को जोड़ने का एक अनोखा और सफलतम प्रयास किया गया.
दिवाली सेलिब्रेशन की धूम :कार्यक्रम का उद्घाटन मान फ़ाउंडेशन की संरक्षिका डॉ. मनीषा सिंह , राजस्थान पर्यटन से राकेश शर्मा , डॉ पुनीता सिंह और आरजे रोहित ने दीप प्रज्वलित कर किया. डॉ मनीषा सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में न केवल उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया गया बल्कि राजस्थानी पारंपरिक कलाओं और आधुनिक फ्यूज़न का अद्भुत संगम के साथ दिवाली सेलिब्रेशन रखा गया. इस अनोखे आयोजन में युवा उद्यमियों ने अपने नए और अद्वितीय उत्पादों का प्रदर्शन किया जिससे आगंतुकों को नए और रोचक विचारों का अनुभव हुआ.
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कार्यक्रम में राजस्थानी कला और संस्कृति की झलक के रूप में कठपुतली नाटक, लोक नृत्य, ब्लॉक प्रिंटिंग, राजस्थानी खान-पान और पारंपरिक पेंटिंग्स ने दर्शकों का मन मोह लिया. राजस्थानी वेशभूषा में कलाकारों ने पारंपरिक राजस्थानी पहनावे में लाइव परफॉर्मेंस दीं, जिसमें आधुनिक फ्यूज़न का तड़का लगाकर संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत मिश्रण पेश किया गया.
गुलाबी नगरी में दिखने लगी दिवाली की धूम (फोटो ईटीवी भारत जयपुर) आतिशबाजी से समापन : जयपुर युविका के फाइंडर वंशिका राजावत ने बताया कि युविका संस्था आधुनिकता के साथ यूथ परंपराओं और संस्कृति से जोड़ने का प्रयास कर रही है. पिछले तीन सालों से जयपुर युविका संस्था कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. जिसमे बडी संख्या में यूथ शामिल होता है, इस तरह के कार्यक्रम का मकसद आधुनिकता के साथ भारतीय संस्कृति से जुड़ाव रखना है. इस बार दीपावली सीजन में हुए कार्यक्रम की थीम “जयपुर फिएस्टा” रखा गया जिसमें दिवाली सेलिब्रेशन किया गया.
समापन में आतिशबाजी पार्टी के साथ हुआ, जहां संगीत, नृत्य, और विशेष दिवाली सजावट ने इस शाम को और भी रंगीन बना दिया. जयपुर युविका के फाइंडर याशिका ने बताया कि आधुनिकता के साथ हम हमारी संस्कृति से जुड़े रहें यह बहुत जरूरी है. समय के साथ बदलाव हो, लेकिन हम हमारी परंपराओं को भी साथ में लेकर चलें और इसीलिए जयपुर युविका संस्था अपना एक छोटा सा प्रयास यूथ के साथ कर रही है. इस सफल आयोजन के पीछे कोगटा फ़ायनेंस , कोगटा फाउंडेशन, अर्बन औरा, कैवालो पोलो क्लब , रेडफ़्लेक्स स्टूडियो, बंजारे यार, एसएसबीसी और सफारी ग्रुप्स और एस क्लब का योगदान सराहनीय रहा.