24 जुलाई के लिए कांग्रेस का चक्रव्यूह तैयार, मॉनसून सत्र में होगा महाभारत, - strategy to siege of assembly - STRATEGY TO SIEGE OF ASSEMBLY
प्रदेश में खस्ताहाल कानून व्यवस्था और मलेरिया से हुई मौतों के खिलाफ कांग्रेस 24 जुलाई को जंगी प्रदर्शन की तैयारी में है. कांग्रेस ने इसके लिए अपनी रणनीति भी तैयार कर ली है. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो हेल्थ और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी.
रायपुर:बीजेपी सरकार बनने के बाद से प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत लचर होती जा रही है. कांग्रेस ने ये आरोप विष्णु देव साय सरकार पर लगाया है. रायपुर में मीडिया से बातचीत में कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो सरकार से सदन में जवाब तलब करेगी. कांग्रेस ने 24 जुलाई को विधानसभा घेराव की रणनीति भी बनाई है. रायपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हुए. सभी ने एक सुर में कहा कि कानून व्यवस्था की हालत रायपुर से लेकर जगदलपुर तक जर्जर हो चुकी है. मलेरिया और डायरिया से लोग परेशान हैं.
24 जुलाई के लिए कांग्रेस ने तैयार किया सियासी चक्रव्यूह: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 7 महीने की साय सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ''7 महीने में ही राजधानी में गोलीबारी की 4 घटनाएं हुई हैं. अंतर्राज्यीय गैंगस्टर राज्य में पैर पसार रहे हैं. सरकार मूकदर्शक बनकर बस देख रही है. गुंडे मवाली सरकार की नाक में दम कर रहे हैं. 7 महीने में राज्य में 300 से अधिक बलात्कार, 80 से ज्यादा सामूहिक बलात्कार, 200 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं. चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनाएं हुई हैं. सरकार आम आदमी की रक्षा करने में फेल साबित हुई है. बीमारों का सही इलाज नहीं हो रहा है. छोटी मोटी बीमारी भी अब जानलेवा साबित हो रही है.''
24 जुलाई के लिए चक्रव्यूह (ETV Bharat)
''कानून व्यवस्था का राज कायम करने में सरकार फेल'': कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. गुंडे बदमाश गोलीबारी कर रायपुर जैसे शहरों से फरार हो जा रहे हैं. मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियां लोगों के लिए घातक साबित हो रही हैं. प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि क्षेत्रों लगभग 11000 लोग डायरिया से और 22000 से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित हैं.
''हेल्थ सिस्टम हो रहा चौपट'': स्वास्थ्य विभाग और हेल्थ मिनिस्टर पर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वो विभाग को चलाने में पूरी तरह से नाकामयाब साबित हो रहे हैं. कांग्रेस ने ये भी कहा कि'' आदिवासी क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों में डायरिया से 10 से अधिक मौतें हुई हैं. मलेरिया से 12 मौतें हुई हैं. बिलासपुर के टेगनमाड़ा उपस्वास्थ्य केंद्रों में दो सगे भाई की जान मलेरिया से जा चुकी है. बीजापुर पोटाकेबिन में दो स्कूली बच्चों की मौत भी हो चुकी है. कांकेर में भी एक बच्चे की जान मलेरिया से जा चुकी है.''
बीमारी ने बढ़ाई बीजेपी की समस्या: बीते दिनों जशपुर में दो बच्चों की मौत भी बीमारी से हो गई. इसको लेकर भी जमकर राजनीति हुई. कवर्धा के चिल्फी में संरक्षित बैगा परिवार के पांच लोगों की मौत हुई. खुद पूर्व मुखिया भूपेश बघेल ने मामले को लेकर राज्य सरकार को कोसा. कांग्रेस नेता ने इलाके का दौरा कर पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की. कुल मिलाकर प्रदेश के कई जिलों में मलेरिया और डायरिया का कहर मॉनसून के साथ बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार हालात से निपटने में फेल हो चुकी है.
''2018 में बीजेपी के राज का अंत कांग्रेस ने किया. कांग्रेस की सरकार बनी तब छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण दर 5.63 प्रतिशत था जो 5 साल के कांग्रेस सरकार के सुशासन में मलेरिया उन्मूलन अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप घटकर मात्र 0.99 प्रतिशत रह गई थी. मलेरिया संक्रमण में 10 गुना कमी आयी थी. छत्तीसगढ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद साय सरकार की लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते 7 माह में प्रदेश में मलेरिया संक्रमण की दर पुनः तेजी से बढ़ने लगा है.'' - दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
प्रदेश में बनी है डबल इंजन की सरकार: विधानसभा चुनाव में तगड़ी जीत हासिल करने के बाद प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनी. केंद्र के निर्देश पर दो डिप्टी सीएम की व्यवस्था सरकार में की गई. बीजेपी आलाकमान का मकसद था कि प्रदेश के लोगों को बेहतर व्यवस्था मिले. कांग्रेस अब इसी डबल इंजन की सरकार को लेकर तंज कस रही है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार में प्रभावी कदम उठाने की इच्छा शक्ति नहीं बची है.
''कांग्रेस सरकार में हाट बाजार क्लिनिक और मेडिकेटेड मच्छरदानियों के वितरण से बस्तर, सरगुजा, कवर्धा, जशपुर के आदिवासी अंचलों से मलेरिया और डायरिया से लोगों की मौतों में विराम लगा था. छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भयावह हो गई. वनांचल में ही नहीं शहरों में भी स्थिति ठीक नहीं. मलेरिया, डायरिया जैसी सामान्य बीमारी से लोग मर रहे हैं. भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ में जनता एक बार फिर से कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया से होने वाली मौत और नक्सलवाद की त्रासदी झेलने मजबूर है. अस्पतालों में दवाई नहीं है. सामान्य जांच बंद हो गई. लोग इलाज के लिये भटक रहे हैं. मेडिकेट मच्छरदानियों का वितरण केवल कागजों पर है. मच्छरदानी पर भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं.'' - दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
विधानसभा घेराव की तैयारी: विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखने वाली कांग्रेस विधानसभा के मॉनसून सत्र में अपनी ताकत का अहसास सरकार को कराना चाहती है. विपक्ष की कोशिश है कि वो सरकार को कानून व्यवस्था से लेकर हेल्थ तक के मुद्दे पर सदन से लेकर सड़क तक पर घेरे. कांग्रेस की रणनीति को देखकर ये लगता है आने वाला विधानसभा सत्र हंगामेदार भी रहेगा और सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक झोंक भी तेज होगी.