नूंह :हरियाणा के मेवात के सुडाका गांव में बंदरों का इन दिनों ख़ासा आतंक है जिससे लोग ख़ासे परेशान हैं. लोगों ने प्रशासन से बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाने की मांग की है.
बंदरों का आतंक :बंदरों का आतंक निरंतर बढ़ने से लोग परेशान हैं. प्रशासन से बार-बार लोग बंदरों से छुटकारा दिलाने की मांग करते रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है. गांव में बंदरों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है जिससे बड़ी संख्या में लोग घरों में कैद रहने को मजबूर है. बंदरों से बचने के लिए लोग तरह-तरह की कोशिशें कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी बंदर हर रोज गांव में बच्चों, बुजुर्गों, राहगीरों और महिलाओं को काट रहे हैं.
घरों से निकलना हुआ मुश्किल :गांव के लोगों ने कहा कि संबंधित विभाग को चाहिए कि वो बंदरों को पकड़वा कर इनके आतंक से छुटकारा दिलाए. लोगों ने बताया कि बंदरों की बढ़ रही संख्या के चलते गलियों में लोगों का निकलना तक मुश्किल हो गया है. बंदरों की टोलियां घरों में घुसकर घर में रखा सामान उठा कर ले जाती हैं. बंदरों के डर से गलियों में, छतों पर बच्चे नहीं खेलते हैं. महिलाएं भी छतों पर कपड़े सुखाने के बाद उनकी रखवाली करती हैं क्योंकि बंदर छतों पर सूखने वाले कपड़े ले जाते हैं. बंदरों के आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में हर रोज तीन से चार केस टीके लगवाने पहुंचते हैं जिन्हें बंदरों ने काटा हुआ होता है. कई दफा तो अस्पताल में टीका तक नहीं मिलता जिससे परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है. ग्रामीणों ने बताया की बंदरों का आतंक इतना है कि गली से राहगीर अकेले नहीं जा सकता है. गलियों की दीवार पर बंदर टोलियों के साथ बैठे रहते हैं. लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।