लखनऊ :माहे मोहर्रम की दो तारीख को नवास ए रसूल हजरत इमाम हुसैन और साथियों के कर्बला पहुंचने की याद में मंगलवार को आमदे काफिले हुसैनी का जुलूस निकाला गया. सआदतगंज स्थित कर्बला दियानुतदौला बहादुर परिसर में इदार ए सक्का ए-सकीना की ओर से निकले जुलूस में शामिल तबर्रुकात की अजादारों ने जियारत की और दुआएं मांगी. इससे पहले हुई मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने खिताब किया.
कर्बला दियानुतदौला बहादुर में जुलूस आमदे काफिल ए हुसैनी से पहले हुई मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने खिताब किया. मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने इमाम हुसैन और काफिले के कर्बला पहुंचने का मंजर बयान किया तो अजादार बेकरार हो उठे. मजलिस के बाद कर्बला परिसर में जुलूस काफिलए आमदे हुसैनी निकाला गया. जुलूस में आगे ऊंट पर बैठे हैदर अब्बास काफिले के कर्बला पहुंचने का जिक्र कर रहे थे.
मौलाना साबिर अली इमरानी ने काफिले के निकलने का मंजर बयान जिसे सुन अजादार खुद पर काबू न रख सके और जारो-कतार रोने लगे. जुलूस में ऊंटों पर अमारियां देख अजादार बेकरार हो उठे. जुलूस में हजरत इमाम हुसैन की निशानी जुलजनाह, हजरत अब्बास की निशानी अलम, इमाम हुसैन के छह महीने के मासूम जनाबे अली असगर की निशानी झूला, हरी झंडियां, अनाज व अन्य सामान लिए लोग शामिल थे. जिनकी अजादारों ने जियारत कर दुआएं मांगी. जुलूस कर्बला परिसर में गश्त कर सम्पन्न हुआ. जिसके बाद अजादारों ने जुलूस में शामिल तबर्रुकात की जियारत की.