PADDY PURCHASE ON MSP RATE:मध्य प्रदेश में इन दिनों धान खरीदी का काम बड़ी तेजी के साथ चल रहा है. शहडोल जिले में भी धान की खेती बहुत बड़े रकबे में की जाती है. खरीफ सीजन की यह मुख्य फसल में से एक है. ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं. ऐसे में अगर आप एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपने धान की फसल को बेचने जा रहे हैं, तो कुछ बातों का आपको विशेष ख्याल रखना पड़ेगा. जिससे आप परेशान नहीं होंगे और आसानी से आपका धान बिक जाएगा.
MSP पर धान खरीदी जारी
शहडोल कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि "शहडोल जिले में धान खरीदी का काम तेजी के साथ चल रहा है. जिले में 2 दिसंबर से ही धान खरीदी चालू है. जो कि 20 जनवरी तक संचालित होनी है. जिले में टोटल 53 सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. जहां किसान अपने धान की फसल ले जाकर बेच सकते हैं. जिसके लिए जिले में 33,992 किसानों ने अपना धान उपार्जन केंद्रों में बेचने के लिए पंजीयन कराया है. खरीदी केंद्रों पर हर दिन किसान धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं.
कृषि विभाग के उपसंचालक की सलाह (ETV Bharat) ये जानना जरूरी
कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि "जब भी किसान धान उपार्जन केंद्रों में अपने धान की फसल लेकर जाएं तो कुछ बातों का विशेष ख्याल रखें. जिससे उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा.
MSP पर धान खरीदी करते समय किसानों को सुविधा देने के लिए कई नियम बनाये गए हैं. जैसे किसान 7 दिन पहले अपनी धान बेचने के लिए स्लॉट बुक कर सकता है. जिसकी वैधता 7 दिन की होती है. इन 7 दिनों में वो अपनी सुविधा के अनुसार अपनी फसल उपार्जन केंद्रों में ले जाकर बेच सकता है.
धान बेचने से पहले किसान रखे इन बातों का ख्याल (ETV Bharat) इसके अलावा तहसील के अंदर किसान अपनी सुविधा के अनुसार उसके एरिया में जो भी उपार्जन केंद्र नजदीक पड़े, वहां अपना पंजीयन कराके स्लॉट बुक कराके धान का विक्रय कर सकता है. इसकी एमएसपी जो है 2300 रुपए प्रति क्विंटल है.
इन बातों का रखें ख्याल
- धान बेचने के लिए जब भी किसान उपार्जन केंद्र पर जाएं तो कुछ बातों का विशेष ख्याल रखें. जिससे उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा.
- पहला स्लॉट बुक करके ही जाएं.
- जिस धान को बेचने जा रहे हैं. वो अच्छी तरह से साफ हो, सूखी हुई हो, जिसमें नमी 17% तक ही अनुमति योग्य है.
- विजातीय जो धान है. दूसरे किस्म की धान जो मिक्स रहती है, वो 6% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
- सिकुड़े हुए दाने जो हैं, वो 3% से अधिक नहीं होने चाहिए.
- इसी तरह क्षतिग्रस्त और बदरंग दाने 5% से अधिक नहीं होनी चाहिए.
- कार्बनिक पदार्थ एक प्रतिशत ही अनुमति योग्य है. इसके अलावा हम किसान भाइयों को सलाह देते हैं. अधिक से अधिक किसान भाई स्टॉल बुक करके ही खरीदी केंद्रों पर जाएं और अपनी सुविधा के अनुसार धान लेकर जाएं.