भोपाल।मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, "हम सभी को डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति अधिक सक्रियता और संवेदनशीलता से काम करने की आवश्यकता है. क्योंकि पश्चिम बंगाल की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. इसलिए निर्देश दिए गए हैं कि सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, खासकर स्त्री रोग वार्ड और उन जगहों पर जहां महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है, सीसीटीवी से निगरानी की जाए, ताकि किसी भी तरह का अपराध करने वालों को पकड़ना आसान हो सके."
सुरक्षा व्यवस्था के मानकों से कोई समझौता नहीं
शुक्ला ने कहा "मध्य प्रदेश सरकार निगरानी को और मजबूत बनाने के लिए बहुत संवेदनशील है. निर्देश जारी किए गए हैं कि मेडिकल कॉलेज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए ताकि छात्राएं सुरक्षित महसूस करें." रात्रि में निरीक्षण एवं निगरानी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा "डीन एवं अधीक्षकों को निरंतर सतर्क रहने, सावधानी बरतने एवं हर चीज पर कड़ी नजर रखने के स्थायी आदेश हैं. सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए हमने मानक बनाए हैं. जिन मेडिकल कॉलेजों में मानक के अनुसार मैनपावर कम है, वहां मैनपावर बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि सुरक्षा की कमी को दूर किया जा सके. हम सरकारी अस्पतालों में भी यह व्यवस्था करेंगे."
सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को निर्देश जारी
संचालक चिकित्सा शिक्षा ने 14 अगस्त को सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को निर्देश जारी किए हैं, जिनका तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित किया जाएगा. अति संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पार्किंग, बेसमेंट, छत, सीढ़ियां एवं ऐसे स्थान जहां लोगों की आवाजाही कम हो, वहां सीसीटीवी, लाइटिंग एवं सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था की जाए. सभी मेडिकल कॉलेज/अस्पतालों के प्रवेश एवं निकास द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि असामाजिक तत्वों का प्रवेश वर्जित रहे. असामाजिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए सुरक्षा कर्मी निरंतर राउंड लगाएंगे.