भोपाल: मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी की घोषणा मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कर दी है. खरगोन जिले के पर्यटन व धार्मिक स्थल महेश्वर में हाल ही में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई है. शराबबंदी के तहत इन शहरों में शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी. रेस्टोरेंट और होटलों में शराब परोसने पर प्रतिबंध रहेगा. मोहन यादव सरकार ने धार्मिक शहरों की मर्यादा बनाए रखने और श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत न होने पाए, इसके मद्देनजर ये फैसला लिया है. खास बात ये है कि शराबबंदी केवल धार्मिक शहरों के दायरे में रहेगी. इसके बाहर शराब दुकानों के खोलने में कोई रोकटोक नहीं होगी. गौरतलब है कि सीएम की शराबबंदी की घोषणा के बाद मध्य प्रदेश के आगामी बजट सत्र में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा. जिन 17 धार्मिक शहरों में सरकार शराबबंदी करेगी, उनके लिए आबकारी नीति में संशोधन होगा. इसके बाद नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल से ये व्यवस्था लागू होगी.
जो काम शिवराज नहीं कर सके, उसे मोहन यादव ने कर दिया
मध्यप्रदेश में संपूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती लंबे समय तक आंदोलन करती रही हैं. उमाभारती की मुहिम के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री सिराज सिंह चौहान सहित बड़े बीजेपी नेताओं को कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था. लेकिन शराब से मिलने वाला रेवन्यू इतना ज्यादा है कि शिवराज सरकार ने उमाभारती की मांग को मानने से इंकार कर दिया था. इसके बाद उमाभारती को संतुष्ट करने के लिए शिवराज सिंह ने कई बार इस प्रकार का बयान दिया कि धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू की जाएगी. इसके लिए शिवराज ने कई बार कोशिश की लेकिन पार्टी के अंदर इस पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इस पर अमल नहीं हो सका. लेकिन अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धार्मिक शहरों में शराब पर बैन लगाने की घोषणा की और इस पर सख्ती से अमल करने का भी संकल्प लिया है.
अभी शराबबंदी को लेकर नियम-शर्तें बनना शेष
जब मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने इसकी घोषणा की कि मध्यप्रदेश के धार्मिक शहरों में शराब पर बैन लगाया जाएगा तो इस घोषणा को लेकर इन शहरों के मदिराप्रेमियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचनी शुरू हो गई. शराब के शौकीन आपस में चर्चा करने लगे कि ऐसे कैसे चलेगा? और इसके बाद पड़ताल की गई कि इन शहरों में शराब पर बैन तो होगा लेकिन इसके नियम व शर्तें क्या होंगी. हालांकि अभी नए वित्तीय वर्ष की आबकारी नीति नहीं बनी है. इसलिए ये स्पष्ट नहीं कि इन धार्मिक शहरों में शराबबंदी कैसी होगी?
शुरू में मदिराप्रेमी चिंतित हुए, अब क्यों हो गए बेफिक्र
मध्यप्रदेश के जिन 17 शहरों में शराबबंदी लागू की जा रही है, इस बारे में कहा जा रहा है कि यहां संपूर्ण रूप से शराबबंदी नहीं होगी. यानि मदिराप्रेमी इन शहरों के बाहर से एक निश्चित मात्रा में अपना शौक पूरा करने के लिए शराब ला सकते हैं. साथ ही घर में बैठकर आराम से शराब पी सकते हैं. मध्यप्रदेश की आबकारी नीति में भी इस प्रकार का प्रावधान है कि परमिशन लेकर तय मात्रा में अपने घर पर शराब का शौक पूरा किया जा सकता है. इसी प्रकार के प्रावधान को लेकर मदिरा प्रेमियों ने शराबबंदी की काट तलाश ली है. शराब के शौकीन इसलिए और निश्चिंत हैं कि शहर की सीमा के बाहर से शराब आसानी से लाई जा सकती है. हालांकि इसके लिए थोड़ी दौड़-भाग करनी पड़ेगी. कुछ जेब भी ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है.