भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला लिया है. अब मध्य प्रदेश में मंत्रियों को अपना आयकर खुद ही भरना होगा. कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने इसका प्रस्ताव सभी मंत्रियों के सामने रखा. जिसे सभी ने स्वीकार कर लिया. अभी तक प्रदेश के सभी मंत्रियों को मिलने वाले वेतन भत्तों पर लगने वाला आयकर सरकार ही भरती थी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. कैबिनेट में एग्रीकल्चर विषय से पढ़कर निकले युवाओं के लिए स्वाइल टेस्टिंग में रोजगार के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान को भी मंजूरी दे दी.
52 साल बाद बदला गया नियम
आपको बता दें 52 साल बाद मोहन सरकार टैक्स भरने वाले नियम को मोहन सरकार ने बदल दिया है. इससे पहले मंत्रियों द्वारा टैक्स भरने का यह नियम साल 1972 में बना था. जिसे आज मोहन कैबिनेट की बैठक में बदल दिया गया है. वहीं इस फैसले को लेकर सीएम मोहन यादव ने कहा कि 'हमने निर्णय किया है कि हमारे मंत्रिगण इनकम टैक्स की दृष्टि से स्वयं का व्यय करेंगे. वह शासन से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेंगे. आयकर की दृष्टि से 1972 के नियम में बदलाव हो रहा है. वहीं प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में 50% शहीद की पत्नी और 50% राशि माता-पिता को दी जाएगी.
जेल बंदियों के सुधार के लिए विधेयक को मंजूरी
मुख्यमंत्री मोहन यादव की बैठक में मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक की गई. कैबिनेट की बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई. कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई. इसके तहत प्रदेश के सागर, भिंड, दमोह, छतरपुर, रतलाम, मंदसौर और बैतूल में नई जेलें बनाई जाएंगी. साथ ही कैदियों के सुधार व पुनर्वास के लिए कई सुधारात्मक कार्य किए जाएंगे. इस विधेयक को पास कराने विधानसभा में रखा जाएगा.
इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
एग्रीकल्चर से पास होकर आने वाले युवाओं को स्वाइल टेस्ट में रोजगार मिलेगा. इसके लिए सहकारी संस्थान, एग्रीकल्चर से पास होने वाले युवा स्वाइल टेस्ट कर सकेंगे. सरकार उनके लिए 45-45 स्वाइल टेस्ट का भुगतान करेगी. इसके अलावा युवाओं को बाकी किसानों को इसके लिए प्रेरित करना होगा. यह सभी 313 ब्लॉक में प्रयोगशाला शुरू होंगी.
अभी तक वृक्षारोपण के लिए सीएसआर के माध्यम से 10 एकड़ भूमि पर ही पेड़ लगाया जाता था, लेकिन अब इसे 10 एकड़ की सीमा का खत्म कर इसे न्यूनतम एक एकड़ कर दिया गया है. अब सीएसआर फंड के तहत 1 एकड़ या उससे अधिक की भूमि पर पौधारोपण किया जा सकेगा.
मध्य प्रदेश के ऐसे छात्र जो दूसरे राज्यों के सैनिक स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उन्हें भी स्कॉलरशिप का लाभ मिल सकेगा.
भारतीय खेल प्राधिकरण की भूमि पहले से 100 एकड़ भूमि थे, उसे एक एकड़ भूमि और देने का कैबिनेट में निर्णय लिया गया.