रायपुर: छत्तीसगढ़ के किसान अधिक आमदनी के लिए अब फूलों की खेती कर रहे हैं. फूलों की डिमांड इसलिए भी अधिक हैं, क्योंकि इससे परफ्यूम, अगरबत्ती और अर्क बनाकर कई तरह से उपयोग के लिए बाजार में खपाया जाता है. ऐसे में मोगरा फूल की खेती करते समय किन बातों का ध्यान रखें, कौन कौन सी सावधानी बरतें, मोगरा की कौन सी किस्म से अच्छा उत्पादन और लाभ मिलेगा, मोगरा के लिए कौन सा मौसम उपयुक्त है, कितने समय तक मोगरा फूल की खेती संभव है. ऐसे तमाम सवालों के जवाब महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव आर एल खरे ने दी है.
मोगरा फूल की खेती में अपनाएं यह तकनीक : महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव आर एल खरे ने बताया, "मोगरा फूल को चंपा, चमेली और जूही के नाम से भी जाना जाता है. मोगरा फूल को बेल के रूप में भी लगा सकते हैं. इसके साथ ही एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 1 मीटर हो और एक कतार से दूसरे कतार की दूरी 1 मीटर होनी चाहिए. लंबाई-चौड़ाई में गड्ढे किए जाने चाहिए."
"मोगरा फूल की व्यावसायिक खेती करनी हो तो मोगरा फूल के पौधे को कटिंग तकनीक के जरिए लगाया जाना चाहिए. मोगरा फूल की खेती के लिए सही मिट्टी और जलवायु का चयन भी जरूरी है." - आर एल खरे, कुलसचिव, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय
मोगरा फूल के लिए कौन सा मौसम है उपयुक्त? : मोगरा फूल की खेती करने के लिए उपयुक्त जलवायु का होनी भी जरूरी है. मोगरा फूल की खेती करने के लिए मार्च का महीना सबसे बढ़िया होता है. छत्तीसगढ़ के किसानों को मार्च माह में इसकी बुवाई करनी चाहिए. जून, जुलाई और अक्टूबर, नवंबर के महीने को भी मोगरा फूल की खेती के लिए उपयुक्त माना गया है.
मोगरा का कौन सा किस्म है फायदेमंद? : व्यवसायिक खेती के साथ ही मोगरा फूल घर के गार्डन के गमले में भी अच्छे से लगाया जा सकता है. मोगरा फूल की किस्म में कोयंबटूर 1 और कोयंबटूर 2 अच्छी किस्म की मानी गई है. इसके साथ ही मोगरा की देशी किस्म भी है. इसका भी अच्छा ग्रोथ है. मोगरा फूल की खेती करने के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन भी जरूरी है.