नक्सलगढ़ में मोबाइल टावर, सुकमा में संचार क्रांति से बढ़ेगी कनेक्टिविटी - Mobile towers in Sukma - MOBILE TOWERS IN SUKMA
छत्तीसगढ़ से मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय की गई है. इसके बाद न सिर्फ नक्सल ऑपरेशन तेज हुए हैं बल्कि विकास कार्यों में भी तेजी आ रही है. बस्तर में नियद नेल्लानार योजना के तहत गांवों की तस्वीर बदली जा रही है. वहीं मोबाइल कनेक्टिविटी के जरिए गांवों को जोड़ा जा रहा है. नक्सलगढ़ सुकमा के दुलार और मुर्कराजकोंडा गांव में भी मोबाइल टावर लगाया गया है ताकि नक्सल मोर्चें पर तैनात जवानों और स्थानीय लोगों को फायदा मिले.
सुकमा :छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के अंदरूनी इलाकों में नए सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए हैं. कैम्प और स्थानीय लोगों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में सुकमा जिले के 2 नक्सल प्रभावित गांव दुलार गांव और मुर्कराजकोंडा में निजी कंपनी का मोबाइल टावर स्थापित किया गया है.
स्थानीय लोगों के बीच मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ेगी : CRPF सेकेंड बटालियन के कमांडेंट रतिकांत बेहरा ने बताया बिजली और मोबाइल नेटवर्क मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है. इन सुविधाओं के नहीं होने से स्थानीय छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार में था. वहीं स्थानीय किसान खेती के लिए केवल मौसम पर ही निर्भर रहते थे. मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से ग्रामीण देश और दुनिया से कटे हुए थे.
मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिलने से स्थानीय ग्रामीण आपात स्थिति में सुरक्षाबल के जवानों से संपर्क मोबाइल के जरिये कर सकते हैं. जिससे समय पर विभिन्न सुविधाएं पहुंचाई जा सकें. साथ ही जवानों और स्थानीय लोगों के बीच कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी. - रतिकांत बेहरा, कमांडेंट, द्वितीय बटालियन
मोबाइल कनेक्टिविटी में बढ़ोतरी : पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद की वजह से बस्तर के अंदरूनी इलाकों में विकास कार्य ठप रहा. जैसे जैसे अंदरुनी इलाकों में नए सुरक्षाबलों के कैम्प स्थापित किये जा रहे हैं, वैसे वैसे सड़क, पुल और मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ रही है. मोबाइल टावर लगने से नक्सली मोर्चें पर तैनात जवानों और स्थानीय लोगों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
सुकमा जिले के दुलेर गांव और मुर्कराजकोंडा में 2 सुरक्षाबलों के कैंप करीब 1 साल के भीतर स्थापित किये गए हैं. जिसके बाद यहां मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए काम शुरू किया गया. वहीं अब बिजली और मोबाइल नेटवर्क के पहुंचने से अब स्थानीय लोगों में उम्मीद की किरण जग गई है.