पटना: बिहार के सरकारी विद्यालयों का इन दोनों मॉर्निंग शिफ्टमें सुबह 6:00 से 12:00 बजे तक का संचालन हो रहा है. ऐसे में शिक्षक इसे अव्यावहारिक बताते हुए स्कूल के इस टामिंग का विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि अभिभावक भी शिकायत कर रहे हैं कि सुबह 6:00 बजे बच्चों को भेजने में कठिनाई है. ऐसे में ग्राउंड रियलिटी क्या है और अभिभावक सरकारी स्कूलों के इस टाइमिंग को लेकर क्या सोचते हैं वो उन्होंने हमारे साथ शेयर किया है.
क्या कहते हैं अभिभावक: पटना के कमला नेहरू नगर स्लम बस्ती में रहने वाले परिवारों के अधिकांश बच्चे स्थानीय विभिन्न सरकारी विद्यालयों में पढ़ते हैं. ईटीवी की टीम जब इस बस्ती में पहुंची तो बच्चों के अभिभावकों की प्रतिक्रिया मिली जुली रही. जिनके बच्चे थोड़े बड़े हैं और पूर्व से स्कूल जाते रहे हैं उन अभिभावकों को सुबह 6:00 बजे कक्षा के संचालन से कोई परेशानी नहीं है. हालांकि जिन अभिभावकों के बच्चे इसी वर्ष से स्कूल जाना शुरू किए हैं और पहली कक्षा में अभी गए हैं उन्हें बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने में काफी परेशानी हो रही है.
कई अभिभावकों को पसंद आई नई टाईमिंग: नजदीकी सरकारी मध्य विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ने वाले मोहम्मद जीशान ने बताया कि सुबह 6:00 बजे स्कूल के संचालन से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. 6:00 से 12:00 तक बच्चे स्कूल में रह रहे हैं तो पढ़ ही रहे हैं. अभी के समय काफी धूप हो रही है तो सुबह के समय वर्ग का संचालन सही है. उनके बच्चे सुबह में घर से नाश्ता करके ही स्कूल के लिए निकलते हैं और स्कूल में भोजन भी करते हैं. फिर 12:00 स्कूल की छुट्टी होने पर घर लौट आते हैं. उन्हें स्कूल के संचालन के समय से कोई दिक्कत नहीं है.
लेट होने पर होती है परेशानी:वहीं मोहल्ले की सुल्तान खातून ने बताया कि उनका बच्चा अभी पहली कक्षा में है और सुबह 6:00 बजे विद्यालय होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. सुबह में बच्चा जल्दी उठना नहीं है क्योंकि गर्मी के मौसम में सुबह 4 से 5 के बीच अच्छी नींद आती है. बच्चों को ब्रश करने और तैयार करने में भी परेशानी होती है. वह सुबह-सुबह उठकर नाश्ता बनाती हैं और इसके लिए उन्हें 4:30 बजे ही उठाना पड़ता है. बच्चों को स्कूल में भी भोजन मिलता है लेकिन बच्चा लेट से उठता है और स्कूल पहुंचने में थोड़ा भी लेट होता है तो बच्चे को गेट पर खड़ा कर दिया जाता है.
"लेट होने पर शिक्षक बच्चों को स्कूल में एंट्री नहीं देते हैं और हमे शिक्षकों से आग्रह करना पड़ता है कि बच्चे को स्कूल में एंट्री करने दें. स्कूल यदि 7:00 बजे या 7:30 बजे से चले तो बेहतर होगा क्योंकि सुबह 6:00 बजे बच्चे आसानी से उठ जाते हैं. बच्चा छोटा है और यदि अच्छे से नींद पूरी नहीं करेगा तो शरीर का अच्छा विकास भी नहीं होगा और सेहत भी खराब होगी."-सुल्तान खातून, अभिभावक