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'बच्चों की नींद पूरी नहीं हो पा रही, लेकिन धीरे-धीरे आदत लग जाएगी', सरकारी स्कूलों की टाइमिंग पर अभिभावकों की प्रतिक्रिया - REVISE SCHOOL TIME

Bihar School Time Change Issue: बिहार के सभी सरकारी विद्यालय का समय बदल दिया गया है. शिक्षा विभाग के आदेशानुसार विद्यालय का संचालन मॉर्निंग शिफ्ट में होना है. बच्चों के लिए इसका समय सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शिक्षकों का समय 6 बजे से 1:30 बजे तक रखा गया है, जिस पर अभिभावकों ने भी प्रतिक्रिया दी है. पढ़ें, विस्तार से.

Bihar School Time Change
बिहार में सरकारी स्कूलों की टाइमिंग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 19, 2024, 9:44 AM IST

बिहार में सरकारी स्कूलों की टाइमिंग (ETV Bharat)

पटना: बिहार के सरकारी विद्यालयों का इन दोनों मॉर्निंग शिफ्टमें सुबह 6:00 से 12:00 बजे तक का संचालन हो रहा है. ऐसे में शिक्षक इसे अव्यावहारिक बताते हुए स्कूल के इस टामिंग का विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि अभिभावक भी शिकायत कर रहे हैं कि सुबह 6:00 बजे बच्चों को भेजने में कठिनाई है. ऐसे में ग्राउंड रियलिटी क्या है और अभिभावक सरकारी स्कूलों के इस टाइमिंग को लेकर क्या सोचते हैं वो उन्होंने हमारे साथ शेयर किया है.

क्या कहते हैं अभिभावक: पटना के कमला नेहरू नगर स्लम बस्ती में रहने वाले परिवारों के अधिकांश बच्चे स्थानीय विभिन्न सरकारी विद्यालयों में पढ़ते हैं. ईटीवी की टीम जब इस बस्ती में पहुंची तो बच्चों के अभिभावकों की प्रतिक्रिया मिली जुली रही. जिनके बच्चे थोड़े बड़े हैं और पूर्व से स्कूल जाते रहे हैं उन अभिभावकों को सुबह 6:00 बजे कक्षा के संचालन से कोई परेशानी नहीं है. हालांकि जिन अभिभावकों के बच्चे इसी वर्ष से स्कूल जाना शुरू किए हैं और पहली कक्षा में अभी गए हैं उन्हें बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने में काफी परेशानी हो रही है.

कई अभिभावकों को पसंद आई नई टाईमिंग: नजदीकी सरकारी मध्य विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ने वाले मोहम्मद जीशान ने बताया कि सुबह 6:00 बजे स्कूल के संचालन से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. 6:00 से 12:00 तक बच्चे स्कूल में रह रहे हैं तो पढ़ ही रहे हैं. अभी के समय काफी धूप हो रही है तो सुबह के समय वर्ग का संचालन सही है. उनके बच्चे सुबह में घर से नाश्ता करके ही स्कूल के लिए निकलते हैं और स्कूल में भोजन भी करते हैं. फिर 12:00 स्कूल की छुट्टी होने पर घर लौट आते हैं. उन्हें स्कूल के संचालन के समय से कोई दिक्कत नहीं है.

लेट होने पर होती है परेशानी:वहीं मोहल्ले की सुल्तान खातून ने बताया कि उनका बच्चा अभी पहली कक्षा में है और सुबह 6:00 बजे विद्यालय होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. सुबह में बच्चा जल्दी उठना नहीं है क्योंकि गर्मी के मौसम में सुबह 4 से 5 के बीच अच्छी नींद आती है. बच्चों को ब्रश करने और तैयार करने में भी परेशानी होती है. वह सुबह-सुबह उठकर नाश्ता बनाती हैं और इसके लिए उन्हें 4:30 बजे ही उठाना पड़ता है. बच्चों को स्कूल में भी भोजन मिलता है लेकिन बच्चा लेट से उठता है और स्कूल पहुंचने में थोड़ा भी लेट होता है तो बच्चे को गेट पर खड़ा कर दिया जाता है.

"लेट होने पर शिक्षक बच्चों को स्कूल में एंट्री नहीं देते हैं और हमे शिक्षकों से आग्रह करना पड़ता है कि बच्चे को स्कूल में एंट्री करने दें. स्कूल यदि 7:00 बजे या 7:30 बजे से चले तो बेहतर होगा क्योंकि सुबह 6:00 बजे बच्चे आसानी से उठ जाते हैं. बच्चा छोटा है और यदि अच्छे से नींद पूरी नहीं करेगा तो शरीर का अच्छा विकास भी नहीं होगा और सेहत भी खराब होगी."-सुल्तान खातून, अभिभावक

5 बजे उठ जाते हैं कई बच्चे:वहीं निक्कू साव ने बताया कि उनके बच्चे माध्यमिक विद्यालय में पढ़ते हैं और सुबह 6:00 बजे विद्यालय होने से कोई दिक्कत नहीं है. गर्मी का मौसम है और 5:00 बच्चे उठ जाते हैं और फिर तैयार होकर स्कूल चले जाते हैं. बच्चे नाश्ता करके जाते हैं और स्कूल में भी नाश्ता मिलता है. इन दोनों स्कूल में अब पढ़ाई भी हो रही है क्योंकि पहले बच्चों के पढ़ाई संबंधित ज्ञान में कुछ विकास नहीं दिखता था लेकिन अब बच्चे थोड़े बहुत पढ़ाई करते दिख रहे हैं और यह अच्छा लग रहा है.

स्कूल में मिलता है बच्चों को खाना: महिला नरगिस खातून ने बताया कि सुबह 6:00 विद्यालय होने से कोई दिक्कत नहीं है. शुरू में बच्चों को उठने में थोड़ी समस्या हुई लेकिन अब धीरे-धीरे आदत पड़ती जा रही है और बच्चे उठकर जाने लगे हैं. गर्मी का मौसम है और पढ़ाई भी जरूरी है तो सुबह में कक्षा चल रही है तो अच्छी बात है. सुबह में बच्चे नाश्ता भी करके जाते हैं और मध्यान भोजन में खाना खाकर स्कूल से आते भी हैं. जब प्रचंड धूप होती है तब बच्चे घर आ गए होते हैं.

विद्यालय की पढ़ाई से अभिभावक खुश:अभिभावक मोहम्मद डब्लू ने कहा कि उनके बच्चे उच्च विद्यालय में पढ़ते हैं. मॉर्निंग शिफ्ट से कोई दिक्कत नहीं है और बच्चे बड़े हो गए हैं तो सुबह 5:00 उठकर विद्यालय जाने की तैयारी करते हैं. सरकारी विद्यालय में मुफ्त में बच्चे पढ़ते हैं और उन्हें क्या चाहिए. विद्यालय में पढ़ाई हो रही है और 6 घंटे विद्यालय में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है तो यह उनके लिए अच्छी ही बात है. सुबह 6:00 से 12:00 तक विद्यालय के संचालक को वह अच्छा मानते हैं.

'बच्चों की नींद नहीं हो रही पूरी': हालांकि लगभग 1000 से अधिक घरों की बस्ती में कई बच्चों (दो दर्जन से अधिक) ने ईटीवी भारत संवाददाता को यह भी बताया कि सुबह 6:00 बजे से स्कूल होने से काफी दिक्कत हो रही है और 7:00 से होता तो अच्छी बात होती. कई बच्चों ने बताया कि गर्मी छुट्टी के बाद से जब से स्कूल खुला है वह नहीं जा पाए हैं क्योंकि सुबह 6:00 बजे जब उनकी आंख खुलती है स्कूल का समय शुरू हो गया रहता है और लेट जाने पर शिक्षक से डांट खाने का डर होता है.

पहले से पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे यह गुहार लगाते नजर आए कि सरकार से किसी भी तरह कह कर स्कूल का टाइमिंग सुबह 7:00 बजे कर दिया जाए. ऐसा होगा तो पूरी तरह फ्रेश होकर वह स्कूल भी समय पर जाएंगे और स्कूल में अच्छे से पढ़ाई भी कर पाएंगे. नींद पूरी नहीं होने के कारण पढ़ाई करने में दिक्कत होती है.

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