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किरोड़ी का छलका दर्द, बोले- मंत्री बनने के बाद शिखंडी बन गया, पद का मोह नहीं, किसी के सामने सिर नहीं झुकाऊंगा - Kirodi Lal Row

Kirodi Lal Meena Controversy, सवाई माधोपुर में डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने अपने इस्तीफे को लेकर कहा कि अब तो मैं मंत्री भी नही हूं, मैंने इस्तीफा दे दिया है. किरोड़ी मीणा ने कहा कि मंत्री बनने पर तो मैं शिखंडी बन गया, जो करने की शक्ति थी वो भी गायब हो गई.

KIRODI LAL MEENA
इस्तीफे पर किरोड़ी मीणा का बयान (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 8, 2024, 5:19 PM IST

किरोड़ी लाल मीणा का बड़ा बयान (ETV Bharat Sawai madhopur)

सवाई माधोपुर:जिले के बजरिया में चल रही रामकथा कथावाचक मुरलीधर महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने रामकथा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में जैसे राजनेता बदल गए हैं, वैसे जनता भी बदल गई है. किरोड़ी ने कहा कि मेरे बगल में गंगापुरसिटी है, जहां जनता ने उस आदमी को फिर से एमएलए बना दिया, जिसने ये कहा था कि आदिवासी या मीणा हिंदू नहीं हैं. वो फिर चुनाव जीत कर चला गया. इसमें गलती किसकी है.

इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा का दर्द भी झलका. उन्होंने अपने इस्तीफे को लेकर कहा, "अब तो मैं मंत्री भी नही हूं, मैंने इस्तीफा दे दिया. मैंने कई बार मुख्यमंत्री को भी कह दिया कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लो. उन्होंने कहा कि क्यों तो मैंने कहा कि मैंने 45 साल तक सवाई माधोपुर, टोंक, दौसा, अलवर, करौली, भरतपुर, धौलपुर क्षेत्र की जनता के हर दुख दर्द में सेवा की है. मैंने पीएम मोदी से कहा था कि मैं पूर्वी राजस्थान की सातों सीट जिताउंगा, लेकिन जहां से मैं एमएलए हूं, वो सीट भी हार गया. मेरे जिले की सीट हारने के बाद मैंने घोषणा की थी कि मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. इसलिए मैंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सच्चे मन से जनता की सेवा में लगा हूं. मैं नैतिकता की राजनीति करता हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया."

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हर चीज का समय होता है:आगे बोलते हुए किरोड़ी मीणा ने कहा कि मंत्री बनने पर तो मैं शिखंडी बन गया, जो करने की शक्ति थी वो भी गायब हो गई और हठिले हम्मीर जिसने अपना बचन निभाने के लिए प्राण न्योछावर कर दिया, लेकिन दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया. मैं भी आपको बचन दे चुका हूं, जो मैंने विधानसभा चुनावों में दिया था. मैं किसी के सामने सिर झुकाने वाला नहीं हूं. अगर सिर झुकाऊंगा तो जनता जनार्दन के सामने झुकाऊंगा. मुझे पद से मोह नहीं है. हर चीज का समय होता है.

भगवान राम की सिंहासन पर बैठने की सभी तैयारियां हो गई थीं, लेकिन उन्हें पिता के आदेश पर वनवास जाना पड़ा. जब भगवान राम को ही सिंहासन छोड़ना पड़ा तो किरोड़ी लाल तो छोटी सी चीज है. सिंहासन का कोई महत्व नहीं है." किरोड़ी मीणा ने कहा कि मैं लड़ता रहूंगा और जनता के काम करता रहूंगा. डॉक्टर किरोड़ी ने कहा कि मैं यहां कोई राजनीतिक भाषण नहीं दे रहा, बल्कि जो मन में पीड़ा है, उसे व्यक्त कर रहा हूं.

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