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छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांटों में स्ट्राइक पर बोले सीएम विष्णुदेव साय, जल्द निकलेगा समाधान - Mini Steel Plant Strike - MINI STEEL PLANT STRIKE

छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांटों में 29 जुलाई से हड़ताल चल रहा है. प्रदेश के करीब 200 से ज्यादा मिनी इस्पात संयत्रों में काम ठप है. इससे करोड़ों का नुकसान हो रहा है. इस हड़ताल को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम साय ने कहा है कि जल्द इस मुद्दे का समाधान निकलेगा.

MINI STEEL PLANT STRIKE
छत्तीसगढ़ के स्टील प्लांट में हड़ताल पर जागी सरकार (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 2, 2024, 6:47 PM IST

Updated : Aug 2, 2024, 8:02 PM IST

मिनी स्टील प्लांट में स्ट्राइक पर सीएम का बयान (ETV BHARAT)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीते 29 जुलाई से मिनी और मध्यम स्टील प्लांटों में स्ट्राइक है और कामकाज पूरी तरह ठप है. 200 से ज्यादा स्टील निर्माण से जुड़े संयंत्रों में तालाबांदी है. बिजली के बढ़े हुए रेट को लेकर प्रदेश के मिनी स्टील प्लांट में ताला लटका हुआ है. इस हड़ताल पर सरकार की नजर है. 29 जुलाई से जारी इस स्ट्राइक पर सीएम साय का बयान आया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए इस मसले के जल्द समाधान की बात कही है.

स्टील प्लांट संचालकों से संपर्क में सरकार: सीएम साय से जब पूछा गया कि बिजली के दामों में हुए इजाफे से प्रदेश का उद्योग सेक्टर प्रभावित हो रहा है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने जल्द ही इस समस्या के समाधान की बात कही है.

"स्टील प्लांट के संचालकों से मह संपर्क में है. उनसे हम कॉन्टैक्ट में है. जल्द ही इसका समाधान निकलेगा": विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

बिजली की बढ़ी कीमतें वापस लेने की मांग: छत्तीसगढ़ के बड़े और मिली स्टील प्लांट के संचालकों की तरफ से बढ़ी हुई बिजली के रेट को वापस लेने की मांग की जा रही है. स्टील प्लांट के नुमाइंदे कह रहे हैं कि जब तक बिजली की बढ़ी हुई कीमतें सरकार वापस नहीं लेती है तब तब वह आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे. स्टील प्लांट में तालाबंदी रहेगी.तब तब स्टील प्लांट में उत्पादन शुरू नहीं होगा.

स्टील प्लांट में स्ट्राइक से इकोनॉमी प्रभावित: छत्तीसगढ़ में स्टील प्लांट में चल रही हड़ताल से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है. राज्य में करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ है. स्टील से जुड़े अन्य उद्योग भी प्रभावित हो रहे हैं. दूसरी तरफ रोजगार पर भी इसका असर पड़ रहा है. लोहा कारोबार पर असर पड़ने से विनिर्माण सेक्टर पर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. रियल स्टेट में भी इसका आर्थिक प्रभाव पड़ा है.

"हड़ताल के कारण स्टील उत्पादन और सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हुआ है. बीते दो दिनों में 175 करोड़ से अधिक के राजस्व नुकसान हुआ है. इसमें रॉयल्टी, जीएसटी, अप्रत्यक्ष कर और इकाइयों द्वारा उपभोग किए गए हिस्से का नुकसान शामिल है. कुल मिलाकर, दो दिनों में 150 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है.प्रतिदिन 30,000 टन स्टील का उत्पादन नहीं हो पा रहा है. यह छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बड़ी क्षति है": मनीष धुप्पड़, महासचिव, छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन

कहां फंसा है पेंच ?: छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांटों में जारी हड़ताल की मुखय वजह बिजली के रेट हैं. राज्य में पहले स्टील प्लांटों को 6.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती थी. इसका रेट बढ़ाकर 7.62 रुपये प्रति यूनिट किया गया. कई तरह के टैक्स मिलाकर बिजली का यह दर 9 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गया है. जिस वजह से मिनी स्टील प्लांटों के संचालकों ने हड़ताल शुरू किया.

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Last Updated : Aug 2, 2024, 8:02 PM IST

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