जयपुर:राजधानी जयपुर में शुक्रवार को मिलेट्स कॉन्क्लेव का केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, 1974 में बाजरा दो रुपए किलो और डीजल 95 पैसे लीटर था. दोनों के दाम में कितना अंतर आ गया. इसका कारण है कि 60 साल तक राज करने वालों ने किसानों की सुध नहीं ली. उन्होंने प्रदेश में समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद नहीं होने के लिए भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अब प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद करेगी. साथ ही बाजार में समर्थन मूल्य से भी ऊपर बिकेगा, क्योंकि लोग अब मिलेट्स (मोटे अनाज) का महत्व समझ चुके हैं. कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और मिलेट्स आधारित स्टार्टअप्स को पुरस्कार भी दिए गए. मंत्री भागीरथ चौधरी ने महिला किसानों के साथ बाजरे से बना केक भी काटा.
उन्होंने कहा कि राजस्थान को वीरता, भक्ति-शक्ति और पराक्रम की धरती कहा जाता है. हमारे बुजुर्ग यह भी कहा करते हैं कि जैसा खाये अन्न, वैसा होये मन. मोटा अनाज (बाजरा-मक्का) कम पानी और तमाम संघर्षों का सामना कर पैदा होता है, इसलिए उसका परिणाम सुखद आता है. मिलेट्स के रूप में बाजरे का उत्पादन राजस्थान में सबसे ज्यादा होता है. पहले लोग पूरे साल बाजरा खाते थे, इसलिए हमारा प्रदेश वीरता, पराक्रम और भक्ति-शक्ति की धरती है.
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हमारी सरकार करेगी बाजरे की एमएसपी पर खरीद:उन्होंने कहा, किसान आज भी सबसे ज्यादा दुखी है. किसान बड़ी उम्मीद लेकर रात दिन मेहनत करता है. लेकिन कभी सूखा, तो कभी अतिवृष्टि और ओलावृष्टि उसके अरमानों पर पानी फेर देते हैं. उन्होंने कहा 2018 से 2023 तक हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद हुई, लेकिन राजस्थान में एक दाना नहीं खरीदा गया. अब प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर नियमानुसार बाजरे की खरीद करेगी. साथ ही बाजरा समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम में बिकेगा. लोग अब इसकी अहमियत समझ चुके हैं.