जयपुर.कोरोना काल में स्कूल बंद रहने के दौरान बच्चों को घर पर पोषाहार पहुंचाने की 1700 करोड़ रुपए की योजना में घोटाले के आरोपों को लेकर अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी ने छानबीन शुरू कर दी है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले दो बार छापेमारी कर चुकी है. जिसमें पूर्व मंत्री राजेंद्र यादव के ठिकाने भी शामिल थे. माना जा रहा है कि ईडी को इस छापेमारी में घोटाले से जुड़े अहम सबूत हाथ लगे थे. अब उन्हीं सबूतों के आधार पर एसीबी छानबीन कर दस्तावेज जुटाने में जुटी है. एसीबी की छानबीन से राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ (कॉनफेड) और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ सकती है.
दरअसल, ईडी ने मिड डे मील घोटाले में गड़बड़ियों के आरोपों को लेकर दो बार छापेमारी की थी. अब ईडी ने एसीबी को पत्र लिखा है. जिसमें छद्म नाम की फर्म और अन्य गड़बड़ियों की आशंका जताई गई है. इसे लेकर एसीबी ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट दर्ज कर राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ (कॉनफेड) और शिक्षा विभाग से दस्तावेज जुटाना शुरू कर दिया है. अगर छानबीन में गड़बड़ी पाई जाती है तो एसीबी मुकदमा दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से इजाजत मांग सकती है. एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा का कहना है कि पोषाहार घोटाले को लेकर अभी एजेंसी छानबीन कर रही है. छानबीन के बाद कई पड़ाव हैं. जिनमें मुकदमा दर्ज करने की अनुमति लेना भी शामिल है. सरकार से क्या परमिशन मिलती है. अभी हम इस मामले की छानबीन कर रहे हैं. अभी इसमें मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.