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हरेली तिहार को लेकर हसदेव के जंगलों की रक्षा का संदेश, स्टील सिटी भिलाई में निकली हरेली रैली - Message to protect Hasdeo forests

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 28, 2024, 9:44 PM IST

Updated : Jul 28, 2024, 11:01 PM IST

दुर्ग में भारी बारिश के बीच हरेली के पर्व को लेकर खास आयोजन किया गया.भिलाई के पावर हाउस से हरेली को लेकर रैली निकाली गई. इसमें काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर हसदेव के जंगलों की रक्षा का संदेश दिया गया. छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के लोगों ने एक सप्ताह पहले ही हरेली तिहार का रंग जमा दिया.

PROTECT HASDEO FORESTS ON HARELI
हसदेव के जंगलों की रक्षा का संदेश (ETV BHARAT)

एक सप्ताह पहले मनाया गया हरेली तिहार (ETV BHARAT)

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में सावन अपने पूरे शबाब पर है. बारिश के बीच दुर्ग में हरेली तिहार मनाया गया.हर साल की तरह हरेली की रैली निकाली गई. इसमें काफी संख्या में लोग उपस्थित हुए. यह रैली पावर हाउस से शुरू होकर रिसाली में समाप्त हुई. वहां पर बैलगाड़ी दौड़ का भी आयोजन किया गया. हरेली पर हसदेव के जंगलों की रक्षा करने का संदेश दिया गया. हरेली चार अगस्त को है लेकिन उससे पहले ही यह पर्व मनाया गया.

हरेली पर लोगों का दिखा पारंपरिक रंग: हरेली तिहार में लोगों का पारंपरिक अंदाज भी दिखा. बस्तरिहा रेला पाटा, गेड़ी, पंथी, करमा, सुआ, राउत नाचा और डंडा नृत्य करते लोगों की टोली इर रैली में निकली. इस रैली को देखने के लिए हजारों की संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे. हरेली पर यह रंग पूरे तरीके से छत्तीसगढ़ियावाद को दर्शा रहा था. इसे देखकर हर छत्तीसगढ़ का वासी गद गद हो गया.

हरेली में छत्तीसगढ़ के महापुरुषों की झांकी निकाली: हरेली के पर्व पर छत्तीसगढ़ के महापुरुषों की झांकी निकाली गई. हसदेव जंगल की रक्षा का संदेश भी दिया गया.हसदेव जंगल की रक्षा को लेकर संदेश चलित झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा. इस दौरान महिला पंथी दल नृत्य करते हुए आगे बढ़ते रहे. लोगों के मनोरंजन के लिए छत्तीसगढ़ के मार्शल आर्ट अखाड़ा के बच्चों ने अपना शौर्य प्रदर्शन किया.

"छत्तीसगढ़ के पहले त्योहार हरेली पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. गौ माता की पूजा के साथ कृषि कार्य में शामिल होने वाले यंत्रों की पूजा की गई. पारंपरिक व्यंजनों से हर घर की रसोई महकती है. चावल और गेहूं के आटे का मीठा चीला पूजा में उपयोग होता है. चौसेला, खीर और ठेठरी-खुरमी जैसे पकवानों से थाली सजती है. हरेली के दिन ग्राम देवता और कुल देवता की पूजा करने का भी रिवाज है.": अमित बघेल, नेता, छत्तीसगढ़ क्रान्ति सेना

हरेली किसानों का त्याहौर: हरेली किसानों का त्यौहार है. आज के दिन सुबह से किसानों ने कृषि कार्य में उपयोग होने वाले हल, बैल, और तरह-तरह के कृषि औजार की पूजा की. छत्तीसगढ़ में किसान परिवारों के साथ प्रदेशवासियों ने बड़े धूमधाम से इस त्यौहार को मनाया. एक सप्ताह पहले छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने हरेली तिहार मनाकर छत्तीसगढ़ी रंग जमा दिया.

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Last Updated : Jul 28, 2024, 11:01 PM IST

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