जयपुर:प्रदेश में एसआई भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के बीच जहां एक तरफ सरकार मंत्रिमंडलीय कमेटी बनाकर इसका परीक्षण कर रही है. वहीं, दूसरी ओर इस परीक्षा को रद्द करने या नहीं करने को लेकर भी दो पक्ष हो गए हैं. परीक्षा में चयनित ट्रेनी एसआई इस परीक्षा को रद्द नहीं करने की मांग के साथ आंदोलन कर रहे हैं. जबकि कुछ लोग इस पूरी परीक्षा को ही रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच ये आंदोलन भगवान के दरबार भी पहुंच गया है. इस भर्ती परीक्षा को यथावत रखने की मांग को लेकर एसआई चयनित अभ्यर्थी अभिषेक शर्मा अपने परिजन और रिश्तेदारों को लेकर शनिवार को कोहनी के बल रैंगते हुए मोती डूंगरी स्थित गणेश मंदिर पहुंचे और गणेशजी को ज्ञापन देकर अपनी बात उन तक पहुंचाई.
दोषियों को सजा मिले, लेकिन निर्दोषों को परेशानी नहीं हो: अभिषेक शर्मा ने कहा कि वे ईमानदार लोगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने गणेशजी तक अपनी बात पहुंचाने के लिए यह तरीका अपनाया है. अभिषेक ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विदेश दौरे पर हैं. उनसे अपेक्षा है कि जब वे राजस्थान आएं तो अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए SI भर्ती को यथावत करते हुए जो ईमानदार हैं, उनके साथ न्याय करें, लेकिन जो दोषी हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. अभिषेक ने कहा कि सरकार से हम भी मांग कर रहे हैं कि जो दोषी हैं उन सबके नाम जनता के सामने लाएं. उन्हें सजा दें, लेकिन इस भर्ती में अधिकांश अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने बहुत मेहनत करके ईमानदारी से इस परीक्षा को पास किया है, अन्य दोषियों की सजा उन्हें नहीं मिलनी चाहिए.
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सरकार ने बनाई कमेटी: इस मामले में भजन लाल सरकार में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके डॉ किरोड़ी लाल मीणा सहित अन्य अभ्यर्थियों ने एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग की थी. सरकार ने उनकी मांग का परीक्षण कराने के लिए विधि मंत्री जोगाराम पटेल की अध्यक्षता में एक मंत्रीमंडलीय सब कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने अपने सुझावों के साथ रिपोर्ट तैयार करके मुख्यमंत्री को भेज दी है. कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक तो नहीं हुई, लेकिन ऐसी चर्चा सामने आई कि कमेटी ने परीक्षा रद्द करने का सुझाव दिया है. हालांकि, इस तरह की खबरों को कमेटी के अध्यक्ष जोगाराम पटेल ने पूरी तरह खारिज कर दिया था.
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एसओजी कर रही जांच:बता दें कि एसआई भर्ती परीक्षा का आयोजन 13-15 सितंबर 2021 को हुआ था. उस समय बाबूलाल कटारा और रामू राम राईका दोनों आरपीएससी के सदस्य थे. शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले का खुलासा करते हुए एसओजी ने पहले बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था. बाद में रामूराम राईका भी जेल चले गए. इस मामले में एसओजी की पड़ताल में सामने आया था की बाबूलाल कटारा ने ही शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर माफिया अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा की दिया था. वह तभी से जेल में है. अब उसके तार एसआई भर्ती परीक्षा से भी जुड़ते दिख रहे हैं. एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में एसओजी अब तक 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें 42 ट्रेनी एसआई हैं. जिन्होंने लीक पर्चा पढ़कर परीक्षा पास की या फिर अपनी जगह डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास की, जबकि पेपर लीक गिरोह से जुड़े 28 लोगों को भी एसओजी ने दबोचा है.