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यूपी में संसदीय संस्थान की बैठक, पूर्व विधायक समस्याओं की जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे - PARLIAMENTARY INSTITUTE MEETING UP

पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री रिजवी ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य लोकतंत्र में चुने गए जनप्रतिनिधियों एवं पूर्व जनप्रतिनिधियों की भूमिका को और मजबूत बनाना है.

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समस्याओं को लेकर प्रदेश के पूर्व विधायकों ने की बैठक, मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे मांगें (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 3:42 PM IST

लखनऊ : प्रदेश के पूर्व विधायकों का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगों तथा समस्याओं से अवगत करवाएगा. यह फैसला उत्तर प्रदेश संसदीय संस्थान की बैठक में किया गया है. विधान भवन के द्वितीय तल स्थित कमेटी कक्ष में प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अम्मार रिजवी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में संस्थान के सचिव पूर्व एमएलसी हरीश वाजपेयी सहित बड़ी संख्या में पूर्व MLA और पूर्व MLC शामिल हुए.

बैठक में कई वरिष्ठ पूर्व विधायकों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिनसे अन्य विधायकों ने भी खुद को संबंध किया. इसके बाद ही विधायकों ने प्रदेश सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखने का निर्णय किया. इस बैठक के अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ. अम्मार रिजवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश संसदीय संस्थान के तत्वावधान में बहुत जल्द पूर्व विधायकों का एक प्रतिनिध मंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा. उन्होंने पूर्व विधायकों से आग्रह किया कि वह अपनी समस्याओं और मांगों के साथ ही क्षेत्र की जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए भी सक्रिय रहें.

अम्मार रिजवी ने कहा कि पूर्व विधायकों की भूमिका प्रदेश के विकास एवं प्रगति में आवश्यक है एवं इसके क्रियान्वयन में काफी कठिनाइयों पूर्व विधायकों को महसूस होती हैं, जो कि जनप्रतिनिधि भी समाज सेवा में लगे हैं, उनका जिला एवं राज्य प्रशासन द्वारा उनके संज्ञान न लिया जाना चिंता का विषय है. रिजवी ने कहा कि पूर्व विधायकों के तजुर्बों का सदुपयोग भी होने की आवश्यकता है.

डॉ. अम्मार रिजवी ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य लोकतंत्र में चुने गए जनप्रतिनिधियों एवं पूर्व जनप्रतिनिधियों की भूमिका को और मजबूत बनाना है. पूर्व विधायकों की जन समस्याओं को लेकर लखनऊ एवं दिल्ली में प्रवास के लिए यूपी निवास एवं यूपी भवन आदि में उनके प्रवास की सुविधा को सरल बनाने की आवश्यकता है.

संसदीय संस्थान के सचिव पूर्व एमएलसी हरीश वाजपेयी ने राज्य सरकार से मांग की है कि उनके संस्थान के कार्यालय भवन के लिए लखनऊ में कोई उचित स्थान उपलब्ध कराया जाए और संस्थान के समुचित संचालन के लिए पांच लाख रुपये वार्षिक का अनुदान दिया जाए.

इस बैठक में विधान सभा और विधान परिषद के पूर्व सदस्यों की मासिक पेंशन की राशि बढ़ाने, पूर्व विधायकों को वर्तमान में मिलने वाले यात्रा भत्ता की एक लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपये करने, पचास हजार रुपये डीजल या पेट्रोल के लिए अलग से देने की मांग पर चर्चा हुई.

बैठक में यह भी कहा गया कि उप्र सरकार की जिला विकास योजनाओं के संबंध में होने वाली बैठकों में पूर्व विधायकों की भागीदारी सुनिश्चत कराई जाए. पूर्व विधायकों के वाहनों पर यात्रा के दौरान वसूले जा रहे टोल टैक्स को माफ किए जाने, राष्ट्रीय पर्वों पर होने वाले कार्यक्रमों व बैठकों में विधायकों की ही तरह पूर्व विधायकों को भी आमंत्रित किए जाने की भी मांग उठाई गई.

पूर्व विधायकों की यह भी मांग है कि विधायकों की तरह पूर्व विधायकों को भी एसपीजीआई, लोहिया संस्थान और केजीएमयू के अलावा सभी जिलों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों, एम्स आदि में नि:शुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

पूर्व विधायक यह भी चाहते हैं कि उन्हें भी मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सप्ताह में एक दिन का समय निर्धारित किया जाए. साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय में एक विशेष कार्याधिकारी की तैनाती की जाए, जो पूर्व विधायकों द्वारा भेजे गए पत्रों और समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन और अन्य स्थानों पर संपर्क कर समुचित समन्वय बना सके.

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