पटना:2024 लोकसभा चुनाव में आशा अनुरूप प्रदर्शन नहीं होने को लेकर मंथन का दौर शुरू चुका है. बीजेपी ने इसकी शुरुआत की है और बैठकों का दौर चल पड़ा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का बिहार में रिजल्ट 100% था, लेकिन 2024 में 5 सीट का नुकसान उठाना पड़ा और तमाम दावे धरे के धरे रह गए.
बीजेपी को हुआ नुकसान:2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी बिहार की 17 सीट पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन इस बार बिहार से बीजेपी के सिर्फ 12 सांसद चुनाव जीत कर सदन पहुंच सके. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी 17 सीट पर चुनाव लड़ी थी. बीजेपी की सभी सीटों पर जीत हुई थी. लेकिन 2024 चुनाव में 2019 के मुकाबले बीजेपी को 5 सीट का नुकसान हुआ. बीजेपी को औरंगाबाद, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम(सु) सीट पर हार का सामना करना पड़ा.
बिहार में NDA का सीट फॉर्मूला: 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हुआ. बीजेपी को 17 सीट, जदयू को 16 सीट, लोजपा (रामविलास) 5 सीट , उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक सीट और जीतनराम मांझी को एक सीट दी गई. 2019 लोकसभा चुनाव में 17 सीट बीजेपी 17 सीट जदयू और 6 सीट पर लोजपा का फॉर्मूला तय हुआ था. 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए में कुछ सीट आपस मे बदला गया. बीजेपी ने शिवहर की सीट जदयू को दिया. काराकाट की सीट जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा के लिए छोड़ा. गया की सीट जेडीयू ने जीतनराम मांझी के लिए छोड़ा. वहीं नवादा सीट लोजपा ने बीजेपी के लिए छोड़ा.
बीजेपी ने 3 सीटिंग सांसद का टिकट काटा: 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने तीन मौजूदा सांसदों का टिकट काटा. बक्सर के सांसद अश्विनी कुमार चौबे मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद और सासाराम के सांसद छेदी पासवान का टिकट काटा गया.अश्वनी चौबे के जगह पर मिथिलेश तिवारी को अजय निषाद की जगह पर राज भूषण चौधरी को और छेदी पासवान के जगह पर शिवेश राम को प्रत्याशी बनाया गया.
हार की समीक्षा शुरू: 2024 लोकसभा चुनाव आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं होने को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी के सभी बड़े नेता पहले दौर की समीक्षा के लिए एकत्रित हुए, जिसमें सभी जिला के जिला अध्यक्ष लोकसभा के प्रभारी एवं प्रत्याशियों को बुलाया गया था. इस समीक्षा बैठक में हार के अनेक कारण पर चर्चा हुई.
'छेदी पासवान को लेकर लोगों में थी नाराजगी'- शिवेश राम:सासाराम के प्रत्याशी शिवेश राम ने कहा कि सासाराम की जनता ने हमें समर्थन दिया. 5 लाख के करीब वोट भी मिला. लेकिन दुर्भाग्य से एक प्रतिशत वोट की मार्जिन से वह चुनाव हार गए. शिवेश राम ने ईटीवी भारत से बातचीत में माना कि भाजपा के दो बार के सांसद रह चुके छेदी पासवान ने अपने क्षेत्र में कुछ भी काम नहीं किया था. उसको लेकर लोगों में नाराजगी थी.
"छेदीराम को लेकर लोगों में नाराजगी थी. यही कारण था कि छेदीराम का टिकट काटा गया और मुझे टिकट मिला. पार्टी के प्रदर्शन को लेकर चिंतन का दौर शुरू हुआ है. समीक्षा बैठक शुरू हुई है. बिहार की कुछ सीटों पर हार का सामना करना पड़ा इस पर मंथन किया जा रहा है."- शिवेश राम, बीजेपी नेता व सासाराम प्रत्याशी
बीजेपी की बैठक में प्रत्याशियों की नाराजगी:बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर पार्टी कार्यालय में बैठक बुलाई गई थी. बिहार के सभी जिला के जिला अध्यक्ष लोकसभा के प्रभारी और प्रत्याशी को बुलाया गया था. इस बैठक में बीजेपी के कुछ प्रत्याशी खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त किए. कैमरा पर नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन इनका साफ तौर पर पार्टी नेतृत्व के सामने यह कहना था कि सहयोगी दलों से जितनी अपेक्षा थी उतना समर्थन नहीं मिल पाया.
'सहयोगियों का साथ नहीं मिला':जदयू की परंपरागत लवकुश समीकरण का वोट बिहार के कई लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी को नहीं मिला. यह भी हार का एक कारण है. ऑफ द रिकॉर्ड बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी यह भी बता रहे हैं कि सहयोगी दलों के साथ-साथ पार्टी के भी नेता निष्ठा के साथ उन लोगों के साथ काम नहीं किये.