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इस मेडिकल कॉलेज में कहीं बिगड़ न जाएं हालात, 250 से अधिक सफाई कर्मचारी हड़ताल पर - MEERUT MEDICAL COLLAGE STRIKE

यूपी के मेरठ में स्थित मेडिकल कॉलेज के सफाई कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चतकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. जिससे सफाई व्यवस्था चर्मरा गई है.

हड़ताल पर बैठे सफाईकर्मी.
हड़ताल पर बैठे सफाईकर्मी. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 4:14 PM IST

मेरठ: जिले में स्थित लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के सफाईकर्मी वेतन वृद्धि, ESI सुविधा की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे व्यवस्था बिगड़ने लगी है. मेडिकल कॉलेज में गंदगी का अंबार देखने को मिल रहा है. इस वजह से ओपीडी के आसपास गंदगी फैलने लगी है. कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले महीने का वेतन नहीं मिला है. आउटसोर्स कंपनी तीन साल से एक भी कर्मचारी के पैसे में बढ़ोत्तरी नहीं की है. कर्मचारियों का स्पष्ट कहना है कि वह बार-बार अपनी मांग रखते आ रहे हैं कि उन्हें 15 हजार रुपये हर महीने वेतन मिलना चाहिए, लेकिन कोई भी सुनने वाला नहीं है. कर्मचारियों का आरोप है कि ज़ब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं होगा वे काम पर नहीं लौटेंगे.

मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तमाम वजहें गिनाईं. कर्मचारियों का आरोप है कि पिछली बार उन्हें रुका हुआ चार माह का पूरा वेतन कंपनी द्वारा दिये जाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन बीते सोमवार को केवल एक माह की ही वेतन दिया गया. जबकि अभी भी तीन माह का वेतन रुका हुआ है. इसी तरह उनका वेतन बढ़ाए जाने का भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं किया गया.

मेडिकल कॉलेज में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल. (Video Credit; ETV Bharat)
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरसी गुप्ता ने बताया कि आऊटसोर्सिंग सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. जिसको लेकर वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग है उनका वेतन बढ़ाया जाए जो उनके हाथ में नहीं है, यह पॉलिसी मैटर है. कंपनी के ठेकेदार को लिख दिया गया है कि बिना देर किए हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को पुनः काम पर वापस लाकर सफाई व्यवस्था पर ध्यान दें.

संदीप वाल्मीकि और रचना वाल्मीकि ने बताया कि वह सिर्फ सफाई कर्मचारी का ही काम नहीं करते हैं. इसके अलावा वार्ड बॉय का काम भी कभी-कभी करते हैं. वहीं, ड्रेसिंग तक भी पेशेंट की उन्हें करनी पड़ती है, लेकिन अब जब उनके हालात खराब हैं तो कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है. बता दें कि मेडिकल कॉलेज में 600 से अधिक कर्मचारियों का स्टाफ है.

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