मेरठ/बरेली :मेरठ में शुक्रवार शाम गन्ना समिति डेलिगेट्स के चुनाव में अचानक किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया है. मोहिद्दीनपुर में गन्ना समिति चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी हो रही थी. स्क्रूटनी में 400 से ज्यादा पर्चों को कैंसिल कर दिया गया है. इस पर किसानों ने हंगामा कर दिया है. किसानों का कहना है कि सत्ताधारी दल चुनाव नहीं करना चाहता है. इसलिए पूरे चुनाव पर अपना कब्जा कर दखल देना शुरू कर दिया है. इसी लिए सारे किसानों के पर्चे कैंसिल करा दिए हैं.
बता दें, मेरठ में गन्ना समिति डेलिगेशन की चुनाव प्रक्रिया चल रही है. 80 गांवों में 160 पदों (हर गांव में 2 पद) पर चुनाव होना है. शुक्रवार को मोहिउद्दीनपुर में पर्चों की स्क्रूटनी हो रही थी. चुनाव में भाजपा सहित भाकियू सहित अन्य दलों के प्रत्याशियों ने पर्चे भरे हैं. स्क्रूटनी में तमाम किसानों और भाकियू सदस्यों के पर्चों को कैंसिल कर दिया गया. अपने पर्चे कैंसिल होने पर भाकियू नेता भड़क गए. पर्चे कैंसिल होने पर किसानों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के दबाव में किसानों के पर्चों को निरस्त किया गया है.
हंगामे के बीच ही भाकियू नेता विजयपाल घोपला किसानों के साथ धरने पर बैठ गए.
विजयपाल घोपला ने कहा कि सत्ताधारी दल भाजपा के कहने पर सभी विपक्षियों के पर्चे निरस्त कर दिए गए हैं. भाजपा के किसी भी प्रत्याशी का पर्चा कैंसिल नहीं हुआ है. यह सरकार शुरू से किसान विरोधी रही है. आज किसानों के पर्चे भी निरस्त कराकर पूरा चुनाव निर्विरोध कराने की तैयारी कर ली है. हम ऐसा नहीं होने देंगे. अगर हमारे पर्चों को बहाल नहीं किया गया तो हम यहीं धरने पर बैठे रहेंगे.
हंगामा और किसानों के नाराजगी की सूचना पर मौके पर एडीएम सिटी, सीओ सहित पुलिस बल भी पहुंच गया. किसानों को समझाकर शांत कराया. भाकियू नेताओं ने कहा कि डेलिगेट्स पद के लिए किसानों ने पर्चा दाखिल किया था. सभी किसानों के पर्चे कैंसिल कर दिए गए हैं. जिनके पर्चे सत्ताधारी दल के दबाव में आकर स्वीकार किए गए हैं वे लोग हैं गन्ना माफिया हैं. जिनकी पहले हम लोग शिकायत कर चुके हैं. वे लोग फर्जी पर्ची लगाने के मामले में पहले भी दोषी साबित हो चुके हैं. एसएसपी विपिन टाडा का कहना है कि किसानों से बातचीत की जा रही है. जल्द ही कुछ हल निकाल लिया जाएगा.