गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में प्रसूता की मौत ऑपरेशन के दौरान हो गई. महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कहा कि जीवित महिला को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. घर ले जाने पर पता चला कि महिला जीवित है. वहीं इस मामले में डीएस ने कहा कि कभी-कभी ऐसा हो जाता है. उन्होंने इसका कारण भी बताया.
सदर अस्पताल में प्रसवः मामला जिले के मांझागढ़ थाना क्षेत्र के गोनियार का है. मृतका की पहचान गुनियार गांव निवासी मिथिलेश कुमार की पत्नी नेहा कुमारी के रूप में की गई. परिजनों के मुताबिक नेहा दूसरी बार मां बनी थी. गुरुवार की शाम प्रसव पीड़ा के बाद गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. डॉक्टर ने ऑपरेशन कर उसका प्रसव कराया लेकिन ब्लड ज्यादा निकल जाने के कारण डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. महिला के शव को सरकारी वाहन से घर भेज दिया.
7 मार्च को महिला की मौतः मृतका का भाई गुड्डू कुमार ने बताया कि 7 मार्च की रात ऑपरेशन से बच्ची हुई. थोड़ी देर बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी और डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर घर लेकर जाने के लिए बोल दिया. शुक्रवार को दाह-संस्कार के पहले उसके शरीर में जीवित होने की गतिविधियां होने लगी. आनन-फानन में उसे वापस सदर अस्पताल में लेकर पहुंचे जहां ईसीजी कराया गया.
8 को ईसीजी में जीवितः ईसीजी रिपोर्ट के आधार पर बताया कि महिला यह जीवित है, लेकिन बच पाना मुश्किल है. कुछ देर पहले आते तो बचाया जा सकता था. इसके बाद रिपोर्ट पर 7 तारीख अंकित कर दिया. जबकि ईसीजी 8 तारीख को कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि चार घंटे तक महिला के शरीर में गतिविधि मौजूद थी. फिलहाल इस घटना के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया है.