पटना:दुनिया भले ही चांद तक पहुंच गई है लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति कई तरह की भ्रांतियां हैं और जागरूकता का अभाव है. इन रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़कर मसौढ़ी की तिनेरी गोपालपुर की सुनीता सेनेटरी पैड बैंक बनाकर गांव की महिलाओं को लड़कियों को मदद पहुंचा रही है.
तिनेरी गोपालपुरमें सेनेटरी पैड बैंक शुरू: सुनीता कुमारी ने बताया कि हम आज भले ही स्मार्टफोन युग में हाई टेक्नोलॉजी मे जी रहे हैं, लेकिन आज भी गांव की महिलाएं सेनेटरी पैड का यूज नहीं करती हैं. लड़कियों की भी वही हालत है. वैसे लोगों के बीच जाकर उनकी भ्रांतियां को दूर करने के लिए न केवल उन महिलाओं के बीच लगातार हम जागरूकता फैला रहे हैं. गोपालपुर के गांव में महिलाओं को जागरूक करने का काम हो रहा है.
"सेनेटरी पैड बैंक हमने बनाया है, जो इमरजेंसी में महिलाओं और लड़कियों मदद पहुंचाता है. बस ₹1 लोगों से संग्रहित करते हैं. एक रुपये में हम सेनेटरी पैड देते हैं, ताकि लड़कियां और महिलाएं इसका इस्तेमाल कर सकें और खुद को गंभीर बीमारियों से बचा सके."- सुनीता कुमारी, संचालक, सेनेटरी पैड बैंक
'सेनेटरी पैड को लेकर कई तरह की भ्रांतियां': सुनीता ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित महादलित महिलाएं हैं, जहां पर महादलित बस्ती में एक भी महिला या किशोरी सेनेटरी के बारे में नहीं जानती हैं. इतना ही नहीं वे इसका प्रयोग भी नहीं करती हैं. सेनेटरी पैड को लेकर उनके बीच कई तरह की भ्रांतियां हैं. उन सबों के बीच जाकर उन्हें हम जागरुक करते हैं. उन्हें सेनेटरी पैड बैंक के बारे में बताते हैं.