बिहार

bihar

ETV Bharat / state

होली की मस्ती में डूबी मसौढ़ी, 40 सालों से चली आ रही परंपरा 'झुमटा' का आयोजन - holi in masaurhi

Holi In Masaurhi: मसौढ़ी में धूमधाम से होली मनाई गई. पूरा मसौढ़ी होली के रंगों में डूबा नजर आया. वहीं मसौढ़ी के तिनेरी गांव में 40 सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार झुमटा का आयोजन किया गया, जिसमें सबने खूब मस्ती की.

होली की मस्ती में डूबा मसौढ़ी
होली की मस्ती में डूबा मसौढ़ी

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 27, 2024, 6:55 AM IST

होली की मस्ती में डूबा मसौढ़ी

पटना:होलीकी संध्या पर सालों से रंग-अबीर के साथ झुमटा निकालने का रिवाज रहा है. ऐसे में मसौढ़ी के तिनेरी गांव में भी झुमटा का आयोजन किया गया. इस दौरान सभी होली की मस्ती में डूबे नजर आए. सभी ने एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाया और होली के गानों पर खूब ठुमके लगाए.

40 साल से झुमटा निकालने की परंपरा: बताया जाता है कि तिनेरी गांव में पिछले 40 साल से होली पर झुमटा निकालने की पुरानी परंपरा चली आ रही है. झुमटा में गांव का हर एक आदमी, होली के गानों पर हर गली मोहल्ले में घूम-घूम कर दरवाजे पर जाकर हर किसी को अबीर लगाता है और उसे होली की शुभकामना देता है. झुमटा में हर घर से कम से कम एक सदस्य जरूर शामिल होते हैं.

झुमटा निकालने का मकसद: तिनेरी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि शशि शर्मा ने बताया कि होली पर झुमटा निकालने का मकसद आपसी सौहार्द और भाईचारा को बढ़ावा देना है. होली पर सभी पुरानी दुश्मनी को भूल जाते हैं, और एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर गले लगते हैं और प्रेम का संदेश देते हैं. होली पर सभी नाचते-गाते नजर आते हैं.

"पिछले कई सालों से हमारे गांव में होली के दिन सभी घर के एक-एक सदस्य एकजुट होते हैं और होली गीतों पर नाचते-गाते हुए होली मनाते हैं. सभी झूमटा निकालते है, जिसे पूरे गांव में घुमाया जाता है. आज के दिन होली में झूमटा निकालने का मकसद आपसी भाईचारा होता है. कोई गली नहीं बचती, जहां झुमटा नहीं जाता है."- शशि शर्मा, मुखिया प्रतिनिधि, तिनेरी पंचायत

ये भी पढ़ें:'लालू जी बिहारी से विदेशी बन रहे हैं.. सनातन की संतान बिहारी पहचान कभी नहीं खोएगा' - Vijay Sinha Holi

ABOUT THE AUTHOR

...view details