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मंदाकिनी के घाट पर शहीद संजय सिंह पुष्वाण को दी गई अंतिम विदाई, 11 गढ़वाल राफल्स में थे तैनात - Martyr Sanjay Singh Pushwan

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 16, 2024, 4:21 PM IST

11 गढ़वाल राफल्स से शहीद जवान संजय सिंह पुष्वाण का आज रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी नदी के घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. संजय सिंह पुष्वाण अंतरराष्ट्रीय शान्ति सेना में शामिल होकर युगांडा गए थे. वहीं पर उनका निधन हो गया था.

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शहीद संजय सिंह पुष्वाण को दी गई अंतिम विदाई (ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग:अफ्रीका महाद्वीप के युगांडा देश में शहीद हुए 39 साल के संजय सिंह पुष्वाण का आज 16 जुलाई मंगवलार को रुद्रप्रयाग में अंतिम संस्कार किया गया. संजय सिंह पुष्वाण 11 गढ़वाल राफल्स के जवान थे, और भारतीय सेना की तरफ से अंतरराष्ट्रीय शान्ति सेना में शामिल होकर युगांडा गए थे. वहीं पर 10 जुलाई को उनका निधन हो गया था, जिनका पार्थिक शरीर कल ही उनके पैतृक गांव रुद्रप्रयाग जिले के किमाणा गांव में पहुंचा था, जहां आज संजय सिंह पुष्वाण का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

बता दें कि तहसील मुख्यालय के निकटवर्ती गांव किमाणा निवासी 39 साल के संजय सिंह पुष्वाण पुत्र दौलत सिंह पुष्वाण 11 गढ़वाल राफल्स में हवलदार के पद पर थे. इस दिनों उनकी ड्यूटी युगांडा में थी, वो अंतरराष्ट्रीय शान्ति सेना में शामिल होकर युगांडा गए थे.

बताया गया था कि बीती 10 जुलाई को युगांडा में डयूटी के दौरान हृदयगति रुकने से संजय सिंह पुष्वाण का निधन हो गया था. सैन्य अधिकारियों ने फोन पर ही संजय सिंह पुष्वाण के परिजनों को उनके निधन की खबर दी थी. युगांडा से संजय सिंह पुष्वाण का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया था. इसके बाद दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर किमाणा गांव पहुंचा. अपने लाल संजय सिंह पुष्वाण को तिरंगे में लिपटा देख परिजन फूट-फूटकर रो पड़े.

किमाणा गांव से मंदाकिनी नदी तक शहीद संजय सिंह पुष्वाण की शव यात्रा में असंख्य ग्रामीणों ने शामिल होकर उन्हें नम आंखों से विदाई दी. मंदाकिनी नदी के तट नेताओं, पुलिस-प्रशासन और सेना के अधिकारियों ने शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ संजय सिंह पुष्वाण का अंतिम संस्कार किया गया. संजय सिंह पुष्वाण के भतीजे ने उन्हें मुखाग्नि दी. प्रधान सन्दीप पुष्वाण ने बताया कि शहीद संजय सिंह पुष्वाण अपने पीछे पिता, पत्नी, एक पुत्र व एक पुत्री छोड़ गए.

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