नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. मुख्यमंत्री जेल से भी बाहर आ गए हैं, लेकिन उनके बाहर आने के बाद दिल्ली सरकार का कामकाज पटरी पर कैसे लौटेगा, इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री केजरीवाल की 21 मार्च को गिरफ्तारी हुई थी. तब से लेकर आज तक दिल्ली सरकार की कैबिनेट की बैठक नहीं हो पाई है, जिससे सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं रुकी हुई है.
इन योजनाओं को कैबिनेट से मंजूरी मिलने का इंतजार:विधानसभा में चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री आतिशी ने दिल्ली की महिलाओं के लिए हर महीने 1000 रुपए सम्मान निधि देने का ऐलान किया था, लेकिन इसे अभी तक कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है. इसी तरह दिल्ली सरकार की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी, दिल्ली बाजार पोर्टल, क्लाउड किचन योजना, लॉजिस्टिक पॉलिसी, इलेक्ट्रॉनिक सिटी पॉलिसी, पानी के बकाया बिलों के सेटलमेंट जैसी स्कीम को कैबिनेट से मंजूरी मिलने का इंतजार है.
सरकार का कामकाज हो सकता है प्रभावित:सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को अपने दफ्तर और दिल्ली सचिवालय जाने पर रोक लगाई है. मुख्यमंत्री केवल उन फाइलों पर साइन कर सकेंगे जिन्हें आगे उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजना अनिवार्य है. सीएम केजरीवाल सीधे फाइलों पर या किसी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेंगे. इसकी वजह से भी सरकार का कामकाज प्रभावित हो सकता है. हालांकि मुख्यमंत्री ने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा है, ऐसे में वह अपने मंत्रियों को निर्देश देकर उनके जरिए काम जरुर करवा सकते हैं. लेकिन कैबिनेट की बैठक और जिस कमेटी के प्रमुख मुख्यमंत्री स्वयं हैं, उसकी मीटिंग बुलाने को लेकर संशय बरकरार है.
CM केजरीवाल को काम करने पर कोई रोक नहीं: इस संबंध में आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल को काम करने पर कोई रोक नहीं लगाई है. कोर्ट के आदेश के तहत मुख्यमंत्री का एक भी काम नही रूक सकता. केजरीवाल दिल्लीवालों के सारे काम करेंगे. भाजपा झूठ फैलाना बंद करे. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अप्रूवल के लिए एलजी के पास जाने वाली किसी भी फाइल पर मुख्यमंत्री को हस्ताक्षर करने से नहीं रोका है. भाजपा इसलिए झूठ फैला रही है, क्योंकि वह दिल्लीवालों की मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं की बस यात्रा रोकना चाहती है.
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