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"नाम कैसे कट गए, हमें तो पता ही नहीं...", वोटर लिस्ट में नाम न होने पर चौंके शाहदरा के लोग - NAMES DELETED FROM VOTER LIST

शाहदरा जिले के प्रताप खंड में अपने पते पर ही रह रहे कई लोगों के कट गए हैं वोटर लिस्ट से नाम

दिल्ली में वोटर लिस्ट से कई लोगों के नाम कट गए
दिल्ली में वोटर लिस्ट से कई लोगों के नाम कट गए (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 7, 2024, 6:58 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में जनवरी-फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां पूरी तरह जोरों पर हैं. शुक्रवार को आम आदमी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस करके भाजपा पर 11000 वोटों को कटवाने का आरोप लगाकर एक नई बहस शुरू कर दी. इसके बाद जब यह पता किया गया कि आखिर जो नाम कटे हैं, वह किस जिले और किस क्षेत्र के लोगों के नाम हैं. पता करने पर जानकारी में आया कि दिल्ली के 11 जिलों में से एक शाहदरा जिले में सबसे ज्यादा मतदाताओं के नाम काटे गए हैं.

ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर जाकर वोटर लिस्ट से नाम कटने वाले लोगों के बारे में जानकारी ली. साथ ही यह पड़ताल की कि वास्तव में जिन लोगों के नाम काटे गए हैं वह अब मौजूद हैं या नहीं हैं. ईटीवी भारत को ग्राउंड जीरो पर पता चला कि जो लोग मौजूद हैं उनके भी नाम काटे गए हैं और जो लोग कहीं दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं उनके भी नाम काटे गए हैं.

दिल्ली में वोटर लिस्ट से नाम कटने की बात सुनकर चौंक गए लोग (ETV Bharat)

वोटर लिस्ट से नाम गायब, लोग उलझे सवालों में: एक दो लोग ऐसे भी हैं जिनकी शादी हो गई है और उसके बाद उनके नाम कटे हैं. लेकिन इन सभी मामलों में एक बात जो निकालकर आई वह यह कि जिन लोगों के परिवार के सदस्यों के नाम काटे गए हैं उन नाम को कटवाने के लिए परिवार से किसी ने आवेदन नहीं दिया. इनके नाम दूसरे लोगों के द्वारा कटवाए गए. परिवार के लोगों को खुद ही नहीं पता है कि उनके नाम वोटर लिस्ट से किसने कटवाए हैं. जिसने भी यह सुना कि उनका नाम वोटर लिस्ट कट गया है तो वह चौंक गए और यह पूछते हुए नजर आए कि नाम कैसे कट गया. अभी मई के चुनाव में तो हमने वोट डाला था. अब नाम कैसे जुड़ेगा. इस तरह के सवालों में लोग उलझते हुए नजर आए.

शाहदरा जिले में कई लोगों के कटे नाम: शाहदरा जिले के प्रताप खंड में रहने वाले मोहम्मद हारुन और रशीदा का नाम भी वोटर लिस्ट से कट गया है. हालांकि, वह यहां लंबे समय से किराए पर रह रहे हैं. उनके मकान मालिक ने बताया कि लंबे समय से लोग यहां रह रहे हैं. यह शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. अभी इनका परिवार शादी में गया हुआ है. लेकिन, उनका वोट दिल्ली में ही है और इसी पते पर उनके वोट हैं. मकान मालिक ने तुरंत उन्हें फोन पर वोट कटने के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि शादी से लौटते ही वोट जुड़वाने के लिए आवेदन करेंगे. यहीं चार गली छोड़कर फ्लैट में रहने वाले मोहम्मद हनीफ का भी नाम कटा हुआ मिला. हनीफ भी घर पर मौजूद मिले उन्होने कहा नाम कटने के बारे में जानकारी नहीं थी. अब आपने बताया है आज कल में ही वोट जुड़वाने का फॉर्म भरेंगे.

अचानक कैसे वोट कट गया, लोगों का सवाल: प्रताप खंड में ही रहने वाली उषा देवी भी अपने घर पर मौजूद मिलीं. जैसे ही उनके घर के बाहर उनके बेटे से पहले बात हुई उनके बेटे ने जैसे यह सुना कि उनकी मां का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है तो चौंकते हुए उन्होंने कहा कि नाम कैसे कट गया. हमने तो नाम कटवाया नहीं. अभी तो मई के चुनाव में वोट डाला था. अचानक कैसे वोट कट गया. अब वोट कैसे जुड़ेगा. इस तरह के सवाल करते हुए उषा देवी के बेटे ने उनसे बात कराई. उषा देवी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि 10-15 सालों से हम इसी पते पर रह रहे हैं. यही हमारा वोट बना हुआ है. हर चुनाव में हम वोट डालते हैं. वोटर लिस्ट से उनका नाम कैसे कट गया, यह उन्हें जानकारी नहीं है. अभी जानकारी मिली है. अब जल्दी ही नाम जुड़वाएंगे.

कहीं मां-बाप और कहीं बच्चों का कट गया नाम: इसी इलाके में रहने वाले सदस्यों रोशनी धसमाना, योगिता भट्ट और शशांक शर्मा अपने पते पर मौजूद नहीं मिले. यहां उनकी जगह दूसरा परिवार शिफ्ट हो चुका था. इस पते पर मौजूद फौजिया ने बताया कि उन लोगों को यहां से मकान खाली किए हुए 2 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. इन तीनों सदस्यों के भी नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं. वहीं, लीला देवी की बेटी वैशाली का नाम भी वोटर लिस्ट से कटा हुआ मिला. इसके बारे में पूछने पर उन्होंने बताया की बेटी की 4 महीने पहले नोएडा में शादी हो चुकी है. लेकिन, उन्होंने कहा की बेटी यही वोट डालने आती है. उसने अभी नोएडा में अपना वोट नहीं बनवाया है. उसका वोट कैसे कट गया उनको पता नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टियों वाले लोग वोट कटवा रहे हैं. वही प्रतापखंड में रहने वाली मीतू मजूमदार भी अपने पते पर मौजूद नहीं मिलीं. उनके पड़ोसी दर्श ने बताया कि यह लोग अपना फ्लैट सेल करके दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं. इन्हें यहां से गए हुए चार-पांच महीने हो गए हैं.

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