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इंसाफ की दरकार में लोटता हुआ जनसुनवाई में पहुंचा बुजुर्ग, बाबू पर लगाए गंभीर आरोप - Old Man Lying Down in Jansunwai - OLD MAN LYING DOWN IN JANSUNWAI

मंदसौर के कलेक्ट्रेट में एक बुजुर्ग लोटते हुए जनसुनवाई में पहुंचा. बुजुर्ग की जमीन पर कलेक्ट्रेट कार्यालय में पदस्थ बाबू ने कब्जा कर लिया है. पीड़ित बुजुर्ग ने इंसाफ की गुहार लगाई.

OLD MAN LYING DOWN IN JANSUNWAI
इंसाफ की दरकरा में लोटता हुआ जनसुनवाई में पहुंचा बुजुर्ग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 7:43 PM IST

मंदसौर: मध्य प्रदेश में आए दिन कई जिलों से दबंगों के दबंगई की खबरें सामने आती है. दबंगों से परेशान पीड़ित जनसुनवाई में अपनी शिकायत लेकर पहुंचते हैं. एक बार फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जब मंदसौर में एक बुजुर्ग लोटते हुए जनसुनवाई में पहुंचा. इस बुजुर्ग ने तहसीलदार से जमीन से कब्जा छुड़ाने की गुहार लगाई. बुजुर्ग ने बताया वह कई बार आवेदन दे चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

इंसाफ की दरकार में लोटता हुआ जनसुनवाई में पहुंचा बुजुर्ग (ETV Bharat)

लोटते हुए जनसुनवाई पहुंचा बुजुर्ग

मंदसौर में मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में जुनसुवाई चल रही थी. इस दौरान एक बुजुर्ग को देखकर सभी लोग हैरान हो गए. 65 साल के बुजुर्ग शंकरलाल पाटीदार अनोखे तरीके से अपनी शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे. शंकरलाल पाटीदार ने सुनवाई के लिए अलग तरीका अपनाया और वे लोटते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. उन्होंने प्रशासन को बताया कि उनकी 1.76 हेक्टेयर जमीन पर धोखे से कलेक्ट्रेट के एक बाबू ने अपने बेटे अश्विनी देशमुख के नाम करवा ली है. बाबू और उसका बेटा गुंडों के जरिए उस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं.' जबकि उन्होंने अपनी जमीन किसी को भी बेची ही नहीं है.

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जमीन पर कलेक्ट्रेट के बाबू ने किया कब्जा

शंकरलाल पाटीदार ने कहा वे कई बार प्रशासन को अपनी परेशानी को लेकर आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है. उन्होंने कहा कि वे 2010 से अपनी जमीन के लिए लड़ रहे हैं. 20-25 बार वे जुनसुनवाई में भी आवेदन दे चुके हैं. इतना ही नहीं राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. उन्हें आज तक इंसाफ नहीं मिला है. बुजुर्ग ने बताया कि उनके पास धोखाधड़ी के सारे साक्ष्य मौजूद हैं. साथ ही पीड़ित ने कहा कि उन्होंने जमीन नहीं बेची, लेकिन परिजनों ने 2010 में जमीन का नामांतरण करा दिया था. बुजुर्ग अपनी पैतृक जमीन वापस चाहते हैं. वहीं इस पूरे मामले में तहसीलदार मनोहरलाल वर्मा का कहना है कि ' मामले की जांच की जा रही है, जल्द ही कार्रवाई की जाएगी. यह एक पारिवारिक विवाद का मामला है, जिसमें दोनों पक्षों को सुना जाएगा.

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