बारिश के मौसम में घातक है मलेरिया, जानिए इस बीमारी से खुद को कैसे बचाएं ? - Malaria Disease - MALARIA DISEASE
मलेरिया बीमारी खासतौर पर बारिश के दिनों में ज्यादा देखने को मिलती है. बारिश के दिनों में मच्छरों के बढ़ने लिए मौसम फायदेमंद होता है. डेंगू की तरह मलेरिया भी मच्छर की वजह से होता है. ऐसे में मलेरिया से बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है. आइये जानें कि मलेरिया होने पर क्या लक्षण दिखते हैं. मलेरिया से बचाव या रोकथाम के लिए के लिए क्या सावधानी रखा जाए.
मलेरिया से बचाव और इलाज पर डॉक्टर की सलाह (ETV Bharat Chhattisgarh)
रायपुर : मलेरिया छोटे परजीवियों से संक्रमित मच्छर के काटने से फैलती है. मलेरिया के वाहक मच्छरों को मादा एनाफिलीज मच्छर के नाम से जाना जाता है. जब यह मच्छर काटते हैं तो मच्छर आपके रक्त में मलेरिया के परजीवियों को मिला देता है. इसलिए मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से व्यक्ति मलेरिया बीमारी से पीड़ित हो जाता है.
मलेरिया बढ़ने पर जान को खतरा : मरीज सामान्य रूप से मलेरिया होने पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है. लेकिन मलेरिया बढ़ जाए तो यह ब्रेन तक पहुंच जाता है. यह स्थिति काफी खतरनाक साबित हो सकती है. इसमें मरीज की जान भी जा सकती है.
"मलेरिया गंभीर होने पर फेलसीफेरम मलेरिया कहलाता है. अगर ऐसा होता है तो यह मलेरिया मस्तिष्क में फैल जाता है. मलेरिया गंभीर स्थिति में पहुंचने पर मरीज की स्थिति खराब हो जाती है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना भी जरूरी हो जाता है." - डॉ आरएल खरे, एमडी मेडिसिन, मेकाहारा रायपुर
इन लक्षणों से मलेरिया को पहचानें : डॉ आर एल खरे के मुताबिक, "कई बार सामान्य मलेरिया खुद की इम्युनिटी पावर से भी ठीक हो जाता है. उचित मात्रा में सही दवा का उपयोग करने से भी मलेरिया ठीक होता है. फेलसीफेरम मलेरिया होने पर इंजेक्शन और डॉक्टर की निगरानी जरूरी है."
मलेरिया से संक्रमित होने के लक्षण (ETV Bharat Chhattisgarh)
"मलेरिया होने पर मरीज को किसी भी पैटर्न में बुखार आ सकता है. लगातार बुखार रह सकता है या फिर अल्टरनेट बुखार आ सकता है. इसके साथ ही मलेरिया के लक्षणों में ठंड के साथ बुखार आना, सिर दर्द होना शामिल है." - डॉक्टर आरएल खरे, एमडी मेडिसिन, मेकाहारा रायपुर
बारिश का मौसम मच्छरों के लिए अनुकूल : मलेरिया को लेकर शासन स्तर पर कई जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की मितानिनों के द्वारा भी लोगों को समय-समय पर जागरूक किया जाता है. इस वजह से मलेरिया में थोड़ी कमी आई है. लेकिन बारिश में जमा हुआ गंदा पानी मच्छरों के लिए अनुकूल होता है. इस दौरान मच्छरों की जनसंख्या भी पहले की तुलना में बढ़ जाती है. इसके चलते मलेरिया के मरीज भी बढ़ जाते हैं.
"जिस तरह से डेंगू बीमारी मच्छर की वजह से फैलता है. ठीक उसी तरह से मलेरिया बीमारी भी मच्छर की वजह से होता है. मलेरिया और डेंगू में अंतर सिर्फ इतना ही है कि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में और डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. नालियों के गंदे पानी के साथ ही जल जमाव वाली जगह पर मलेरिया के मच्छर पनपते हैं." - डॉ आरएल खरे, एमडी मेडिसिन, मेकाहारा रायपुर
मलेरिया से बचाव और रोकथाम के उपाय :मलेरिया से बचाव के लिए आपको अपने घर के आसपास क्षेत्र में गंदा पानी को जमा होने से रोकना होगा. घर में या घर के आसपास नालियां खुली हों तो उसे ढंक दें. मलेरिया या फिर डेंगू से बचाव का सबसे अच्छा तरीका मच्छरदानी लगाकर सोना है. खुली त्वचा पर मच्छर निरोधक क्रीम लगा सकते हैं. घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जालियां लगाकर रखें. अपनी त्वचा को ढंकने के लिए फुल पैंट और फुल स्लीव वाले कपड़े पहन सकते हैं.