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बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा फेरबदल, सचिव प्रताप सिंह बघेल बने बेसिक शिक्षा निदेशक - basic education department transfer

बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है. सचिव प्रताप सिंह बघेल को बेसिक शिक्षा निदेशक बनाया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 12:56 PM IST

लखनऊः प्रताप सिंह बघेल को बेसिक शिक्षा परिषद का नया निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. इसके अलावा उन्हें निदेशक, राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान की जिम्मेदारी भी सौंप गई है. इस संबंध में विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी की तरफ से आदेश जारी किया गया. प्रताप सिंह बघेल बीटेक 4 सालों से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के पद पर नियुक्त थे. महेंद्र के पास बेसिक और माध्यमिक दोनों के निदेशक पद का जिम्मेदारी थी. बेसिक शिक्षा विभाग में सचिव रहे प्रताप सिंह बघेल के ट्रांसफर होने के बाद शिक्षकों और कर्मचारियों मैं काफी खुशी का माहौल है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि सचिव बेसिक शिक्षा के पद पर रहते हुए प्रताप सिंह बघेल ने बीते 4 साल में कर्मचारियों को ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले को सबसे ज्यादा लटका के रखा था. जिसके कारण कई बार शासन को असहज स्थिति का भी सामना करना पड़ रहा था.


बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रताप सिंह बघेल जब से सचिव बेसिक शिक्षा बने थे. तब से विभाग के शिक्षक के साथ ही साथ नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थी भी उनके कार्य प्रणाली से काफी परेशान थे. अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उन पर विभाग में समय से होने वाले ट्रांसफर पोस्टिंग और वरिष्ठता सूची को सही से जारी नहीं कर पाने के आरोप लगाते रहे हैं. बीते साल ही बेसिक शिक्षा परिषद में ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हुई थी जो नवंबर माह आने तक भी पूरी नहीं हो पाई थी. इसका सबसे बड़ा कारण विद्यालयों में शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तय किया जाना था. जिसमें नियमों को लेकर प्रताप सिंह बघेल और शिक्षक संघ के बीच में काफी तनातनी और विवाद के मामले भी सामने आ रहे थे.


विभागीय सूत्रों का कहना है कि वही 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 6800 अभ्यर्थी जो आरक्षण की विसंगतियों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उसमें भी उनके रोल को अहम माना जा रहा है था. 6800 शिक्षक अभ्यर्थी आरक्षण विसंगतियों को लेकर प्रताप सिंह बघेल पर अनदेखी करने और सही जानकारी शासन में नहीं रखने का आरोप तक लगा चुके हैं. इसके अलावा सचिव के उनके कार्यकाल में विभाग के ऊपर सबसे अधिक मुकदमों का सामना भी को करना पड़ा है.

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