मैहर:मैहर जिले के रामनगर स्थित सीएम राइज स्कूल में करीब 943 छात्र-छात्राओं से मनमानी फीस वसूली गई. हर स्टूडेंट से 600 रुपये वसूले गए हैं. ये फीस शाला विकास के नाम पर ली गई है. नियम के मुताबिक विद्यार्थियों से जो शुल्क वसूला जाता है, उसकी रसीद शासकीय मुद्राणलाय से मुद्रित होना चाहिए. लेकिन जिले के किसी भी सरकारी स्कूल में इसका पालन नहीं किया जा रहा है.
स्कूल प्राचार्य ने खुद ही छपवा ली फीस की रसीदें
रामनगर के सीएम राइज स्कूल ने स्वयं ही रसीद छपवाकर शाला विकास शुल्क वसूला. नियम के मुताबिक विद्यार्थियों से केवल स्काउट, वार्षिक गतिविधि शुल्क, साइंस शुल्क, क्रीड़ा शुल्क, रेडक्रॉस के मद में शुल्क लिया जा सकता है. नियम के मुताबिक यदि सरकारी स्कूल को शाला विकास शुल्क लेना है तो इसके पहले लोक शिक्षण संचालनालय से अनुमति लेना आवश्यक है, लेकिन ऐसा न कर स्कूल में शाला विकास शुल्क के अलावा अन्य शुल्क भी वसूले जा रहे हैं.
रामनगर सीएम राइज स्कूल के प्रिंसिपल सुग्रीव विसेन (ETV BHARAT) शासकीय स्कूलों में फीस संबंधी ये है नियमावली
- मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा संहिता के अध्याय के 10 के नियम 125 के अनुसार शासकीय स्कूलों में संचालक लोक शिक्षण भोपाल की स्वीकृति के बिना किसी भी प्रकार का शाला शुल्क नहीं लिया जा सकता.
- शिक्षा संहिता के नियम 125 (1) के अनुसार निर्धन विद्यार्थियों से संस्था में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा.
- संपन्न वर्ग के विद्यार्थियों से प्राप्त निर्धन सहायता निधि का उपयोग निर्धन विद्यार्थियों के लिए पाठय पुस्तकें, लेखन सामग्री या परीक्षा शुल्क के भुगतान करने के लिए दिया जाएगा.
- सभी स्कूलों का हर साल ऑडिट होना चाहिए, आय-व्यय का लेखा-जोखा कक्षावार नोटिस बोर्ड पर अंकित होना चाहिए.
कलेक्टर ने कहा- मामले की जांच कराई जाएगी
इस मामले में रामनगर सीएम राइज स्कूल के प्रिंसिपल सुग्रीव विसेनने स्वीकार किया "शाला विकास के नाम पर राशि ली गई है. ये राशि मेरे खाते में है. ये फीस जल्द ही बच्चों को वापस कर दी जाएगी. इस मामले में अधिकारियों द्वारा जो भी सजा दी जाएगी, उसे भुगतने के लिए मैं तैयार हूं." वहीं, मैहर कलेक्टर रानी बाटडका कहना है "मामले की जांच कराकर कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी."