मैहर। जिले के रामनगर विकास खंड से एक सरकारी टीचर की काली करतूत सामने आई है. टीचर ने बीपीएल कार्ड बनावाने के नाम पर एक युवक से दो हजार रुपये ऐंठ लिये और उसको फर्जी पत्र बनाकर दे दिया. जब युवक तहसीदार से उसे प्रमाणित कराने गया तब फर्जीवाड़ा सामने आ गया. एसडीएम ने मामले की जांच का आदेश दे दिये हैं. चंद रुपयों के चक्कर में टीचर की इज्जत और नौकरी मुश्किल में फंस गई है.
कैसे बनवाया फर्जी बीपीएल कार्ड
रामनगर विकासखंड के तेंदुहा विद्यालय में पदस्थ शासकीय शिक्षक राजेश कुमार निगम ने सनिल तिवारी को उनका बीपीएल कार्ड बनावाने का आश्वासन दिया था. कार्ड बनवाने के बदले 2 हजार रुपये की बात हुई थी. राजेश ने झिन्ना नायब तहसीलदार के नाम से एक फर्जी पत्र जारी करवाया. जिसमें बीपीएल कार्ड के लिए युवक की पात्रता को प्रमाणित किया गया था. यह पत्र 20 फरवरी 2024 को जारी किया गया था. सनिल तिवारी को बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए योग्य घोषित कराने के बाद टीचर ने सनिल तिवारी से फोन-पे के माध्यम से 2 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया था.
तहसीलदार के सामने हुआ मामले का खुलासा
ग्राम पंचायत द्वारा जारी कार्ड को लेकर जब सनिल तिवारी तहसीलदार के पास प्रमाणित कराने पहुंचा तो तहसीलदार को आदेश की कॉपी देखकर शक हुआ. उन्होंने जब अपने रिकॉर्ड से उस पत्र का मिलान किया तो पत्र में जो तारिख लिखी गई थी उनके रिकॉर्ड में तारिख का कहीं कोई जिक्र ही नहीं था. तहसीलदार ने बीपीएल पात्रता पत्र फर्जी होने की बात कही और उसपर सिग्नेचर करने से इंकार कर दिया. इसके बाद सनिल तिवारी को ठगी का अहसास हुआ और उसने मामले की शिकायत दर्ज कराई.