जबलपुर: एक निजी संस्था द्वारा जबलपुर में कैनाल डॉग शो का आयोजन किया गया था. यह आयोजन नेशनल लेवल का था. इसमें देश के कई राज्यों से लोग अपने कुत्ते को लेकर आए थे. इस आयोजन में 35 से ज्यादा प्रजातियों के 300 कुत्ते शामिल हुए. इस दौरान सभी की नजरें ऑस्ट्रेलियाई शेफर्ड प्रजाति के डॉग पर टिकी रही, क्योंकि यह पूरे शो का सबसे महंगा कुत्ता था. इसके अलावा भारतीय नस्ल के कुत्तों को भी लोगों ने खूब पसंद किया. जजों की पहली पसंद डाबरमैन और जर्मन शेफर्ड प्रजाति के कुत्ते रहे.
सबसे ज्यादा चर्चा में रहा ऑस्ट्रेलियाई शेफर्ड
कैनाल शो में सबसे ज्यादा चर्चा ऑस्ट्रेलियाई शेफर्ड प्रजाति के कुत्ते की रही. इसके पालक ओडिशा से लेकर इसे यहां पहुंचे थे. भारत में इसकी कीमत लगभग 4 लाख से शुरू होती है. ऑस्ट्रेलियाई शेफर्ड अमेरिका की प्रजाति है. वहां पर ज्यादातर भेड़ पालक इसको पालते हैं, क्योंकि यह भेड़ों की सुरक्षा करने में मदद करता है. इसके बाल बड़े होते हैं और यह ठंडे प्रदेशों में रहना पसंद करता है. इसलिए भारत में इसको पालना मुश्किल और खर्चीला होता है. यह बहुत एनर्जेटिक होता है और इसमें सीखने की क्षमता कमाल की होती है. भारत में भी लोग शौकिया तौर पर इसको पालने लगे हैं.
इंग्लिश बुलडॉग की भी हुई खूब प्रशंसा
ओडिशा के रहने वाले बाबुला, इंग्लिश बुलडॉग लेकर आए थे. इसको ब्रिटिश बुलडॉग नाम से भी जाना जाता है. यह भी एक महंगा कुत्ता है, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई शेफर्ड जितना महंगा नहीं है. भारत में इंग्लिश बुलडॉग की कीमत करीब 1 लाख रुपये से शुरू होती है. अगर इसके शारीरिक बनावट को देखें तो, यह कद काठी में छोटा और मोटा होता है, इसके चेहरे पर झुर्रियां होती हैं. लेकिन यह बहुत फुर्तीला होता है. यह भी ठंडे प्रदेशों में रहने वाली प्रजाति है, इसलिए इसे भारत में रहने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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भारतीय प्रजाति के कुत्तों ने भी लिया हिस्सा
इन विदेशी कुत्तों के अलावा कुछ इंडियन डॉग्स भी इस डॉग शो का हिस्सा बने. जिनमे राजपलायम, रामपुर हाउंड, कारवां हाउंड जैसे बड़े कुत्ते थे. इसके अलावा कुछ मिनी पुटस ने भी सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा. हालांकि जजों की पहली पसंद डाबरमैन और जर्मन शेफर्ड कुत्ते बने. क्योंकि यह सीखने में बहुत तेज होते हैं और इनमें अपने ट्रेनर की बात मानने की बड़ी काबिलियत होती है. यही बात जजों को बहुत पसंद आई. इस डॉग शो में मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश से आए लगभग 300 कुत्तों ने हिस्सा लिया.