इंदौर : मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में शाजापुर विधायक अरुण भीमावद के खिलाफ चुनाव शून्य करने की मांग वाली याचिका विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से लगाई गई. इस पर मंगलवार को इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान शाजापुर विधायक की और से कोर्ट के समक्ष पक्ष इंदौर महापौर पेश हुए. इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है और जल्द ही फैसला आ सकता है.
शाजापुर से कांग्रेस प्रत्याशी की याचिका पर हुई बहस
बता दें कि शाजापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे हुकुम सिंह कराड़ा की ओर से मौजूदा बीजेपी विधायक अरुण भीमावद के खिलाफ याचिका इंदौर हाई कोर्ट में लगाई गई. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भाजपा विधायक अरुण भीमावद की ओर से इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वकालत की. इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है "2 साल बाद कोर्ट के समक्ष विभिन्न तरह के तर्क रखे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी हुकुम सिंह कराडा ने डाक मत पत्रों को आधार बनाकर याचिका दायर की थी, लेकिन उस याचिका को काउंटिंग एजेंट के एफिडेविट के बगैर कोर्ट के समक्ष पेश किया था, जो उचित नहीं है."
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इंदौर महापौर ने कोर्ट में रखे तार्किक तथ्य
इसी के साथ कई और तर्क भी कोर्ट के समक्ष इंदौर महापौर ने पैरवी के दौरान रखे. बता दें कि इंदौर महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने दो साल बाद कोर्ट में किसी मामले में पैरवी की. भार्गव इससे पहले इंदौर हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे. महापौर बनने के बाद उन्होंने कोर्ट में पैरवी बंद कर दी, लेकिन मंगलवार को इंदौर महापौर ने बीजेपी विधायक के पक्ष में पैरवी कर विभिन्न तरह के तर्क रखे. कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.