उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

जौनसार बावर में धूमधाम से मनाया गया जागड़ा पर्व, महासू देवता की शरण में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, भक्तों ने किए देव दर्शन - Jagra festival

उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में महासू देवता का जागड़ा पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. सदियों से चली आर ही इस परम्परा में जागर से महासू देवता का आह्वान किया जाता है.

Etv Bharat
जौनसार बावर में धूमधाम से मनाया गया जागड़ा पर्व (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 7, 2024, 8:43 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 9:55 PM IST

जौनसार बावर में धूमधाम से मनाया गया जागड़ा पर्व (ETV Bharat)

विकासनगर: जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में दो दिन तक जागड़ा पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. देव स्नान के बाद शनिवार सात सितंबर को हजारों श्रद्धालुओं ने देवता के दर्शन किए. उससे पहले शुक्रवार को देवता के रात्रि जागरण में देव स्तुति के साथ ही भजन गाए गए थे. शनिवार को शुभ मुर्हुत मे देवता के पुजारी, देवमाली, वजीर और भंडारी ने मंदिर से शाही स्नान के लिए देव चिन्हों को बाहर निकाला.

देवता के बाहर आते ही छत्रधारी चालदा महाराज के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. इस दौरान श्रद्धालुओं ने देव चिन्हों पर पुष वर्षा की और परम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ विधि विधान से देव चिन्हों को स्नान कराया. इसके पश्चात देव चिन्हों को वापस मंदिर में विराजमान कराया गया. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने छात्रधारी चालदा महासू देवता के दर्शन कर खुशाहाली की कामना की.

जौनसार बावर में धूमधाम से मनाया गया जागड़ा पर्व (ETV Bharat)

छात्रधारी चालदा महासू महाराज के पुजारी पंडित राजेंद्र नौटियाल ने कहा कि जागड़ा पर्व की मान्यता सदियों से चली आ रही है. चालदा महासू महाराज करीब पिछले साल करीर 42 सालों बाद यहां पहुंचे थे. अभी एक से डेढ साल के करीब महाराज यहीं पर और रहेगे. इसके बाद महाराज यहां से हिमाचल के सिरमौर जाएंगे.

भक्तों ने किए देव दर्शन (ETV Bharat)

वहीं महासू के वजीर दिवान सिंह ने बताया कि चालदा महाराज चार भाइयों में सबसे छोटे है. ये एक जगह नहीं रहते है. इससे पहले महाराज जानोग में थे. वहां से कोटी कनासर आए. कोटी कनासर से मोहना और फिल समाल्टा और इस समय दसऊ में है. यहां 2025 में महाराज हिमाचल में जाएंगे. छात्रधारी चालदा महासू महाराज के पास भक्त अपनी परेशान लेकर आते है. निश्चित ही यहां पर भक्तों को न्याय मिलता है. इसलिए महासू महाराज की इतनी मान्यता है.

महासू देवता की शरण में उमड़ा आस्था का जनसैलाब (ETV Bharat)

बता दें कि महासू देवता के प्रति अटूट आस्था है. महासू देवता का मुख्य मंदिर हनोल में स्थित है. हनोल के साथ साथ क्षेत्र के अन्य महासू मंदिरों में भी जागड़ा पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया. महासू चार भाई है, जिसमें सबसे छोटे छत्रधारी चालदा महासू देवता है, जोकि हमेशा ही चलायमान रहते है. इन दिनों चालदा महाराज दसऊ गांव में पिछले साल से प्रवास पर है. एक या दो साल एक स्थान पर रह कर चालदा महाराज अगले प्रवास पर जाएगें. सदियों से प्रत्येक वर्ष महासू देवता के जागड़ा पर्व मनाने की परम्परा है.

पढ़ें--

Last Updated : Sep 7, 2024, 9:55 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details