जिवतरा गांव के लोग बूंद भर पानी के मोहताज, प्रशासन से लगा रहे मदद की गुहार - Mahasamund water problem - MAHASAMUND WATER PROBLEM
महासमुंद जिले के आश्रित ग्राम जिवतरा में ग्रामीण शुद्ध पेयजल के लिए भटकने को मजबूर हैं. गांव में जल जीवन मिशन का काम अधूरा पड़ा है. पीने के पानी का एकमात्र जरिए वोरवेल से भी पानी बहुत कम रहा है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं. जिम्मेदार अधिकारी जल्द ही गांव में शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की बात कहा रहे हैं, जो केवल बयानों तक सीमित है.
महासमुंद : जिले के ग्राम पंचायत परसदा (ख) के आश्रित ग्राम जिवतरा में लोगो को शुद्ध पानी के लिए काफी मशक्त करना पड़ रहा है. ग्रामीण निस्तारी के लिए 1 किलोमीटर दूर स्थित तालाब का इस्तेमाल कर लेते है, लेकिन पीने के पानी के लिए उन्हें जद्दोजहद करना पड़ रहा है. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने सरपंच, सचिव, जनपद के अधिकारी सहित जनप्रतिनिधि से भी की है, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं निकाला गया.
पीने के पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण : ग्राम पंचायत परसदा (ख) के आश्रित ग्राम जिवतरा की आबादी लगभग 700 से 800 है. गांव में लगभग 200 परिवार निवास करते हैं. गांव वालों के शुद्ध पेयजल और निस्तारी के लिए दो बोरवेल भी कराए हैं, जिसमें से एक कई महीनों से खराब है. वहीं दूसरा बोर जो संचालित है, उससे एक सार्वजनिक नल लगाया गया है. लेकिन इसमें पानी की धारा इतनी कम आती है कि ग्रामीणों को एक बाल्टी पानी भरने में लगभग 15 से 20 मिनट लग जाते हैं. गांव में हैण्ड पंप भी नहीं है.
"एक एक बूंद पानी के लिए हम तरस रहे हैं. नल तो हर घर में है, लेकिन सिर्फ एक में ही थोड़ा पानी निकल रहा है. निस्तारी के लिए 1 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. लगभग 6 महीने से पानी की समस्या पूरे गांव में है, जिसकी शिकायत भी उच्च अधिकारीयों से की गई. लेकिन हमारी समस्या से किसी को कोई मतलब नहीं है. हमें सिर्फ पानी चाहिए." - स्थानीय ग्रामीण
घरों में लगे नल बनकर रह गए शो पीस : ग्राम जिवतरा में नल जल योजना के तहत एक भी पानी की टंकी नहीं लगी है. जल जीवन मिशन के तहत साल 2022 में लगभग 74 लाख रुपए की लागत से एक पानी की टंकी बनाई गई. साथ ही लोगों के घरों में नल के कनेक्शन भी लगाए गए. लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लापरवाही और ठेकेदार के मनमानी के चलते आज तक काम पूरा नहीं हुआ है. लोगों के घरो में लगे नल शो पीस बनकर रह गए हैं.
पानी की व्यवस्था करने की बात कर झाड़ा पल्ला : जनपद सीईओ व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आला अधिकारी इस संबंध में जल्द पानी की व्यवस्था करने की बात कर पल्ला झाड़ते दिखे. जनपद सीईओ बीएस मण्डावी और कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग के डीपी वर्मा से जब हमने समस्या का कारण पूछा तो जनपद सीईओ ने बताया, "कल से ही उस गांव में शुद्ध पेय जल की व्यवस्था की जाएगी. जहां जहां पानी की समस्या आ रही है ,वहां पर पानी की व्यवस्था तत्काल की जा रही है."
"2 दिन पूर्व ही गांव मे सर्वें हुआ है. पाईप लाईन भी बिछायी गयी है. लेकिन पानी के श्रोत के बिना अभी पानी सप्लाई नहीं कर पा रहे है. गांव मे नलकूप के लिए टेंडर भी किया हुआ है. पाईप के साइज में दिक्कतें आती है. ठेकेदारों को एकमुश्त भुगतान न होने की वजह से भी ऐसे कामों में काफी दिक्कतें आती है." - डीपी वर्मा, कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग
ग्रामीण पिछले 6 महीने से पानी की मांग को लेकर प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी सवालों पर जल्दी ही गांव में शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की बात कह रहे हैं. बहरहाल, अब ये देखना होगा कि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल आसानी से कब तक मिल पाता है.