गुना। देश और प्रदेश में इस समय चुनावी समर चल रहा है. चिलचिलाती गर्मी के बीच एमपी का सियासी पार भी हाई है. दो चरणों के मतदान के बाद भीएमपी कांग्रेस में उठापटक लगातार जारी है. वहीं तीसरे चरण के मतदान की तैयारी भी टाइट है. तीसरे चरण में गुना-शिवपुरी सीट से महाराज कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी मैदान में हैं. सिंधिया को जीत दिलाने केंद्रीय मंत्री तो पसीना बहा ही रहे हैं, उनके साथ ही राजघराने की राजकुमार भी अपने पिता के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं. या ये कहें कि सियासत के नए खिलाड़ी कड़ी धूप और उमस भरी गर्मी में सियासी पिच पर चौक-छक्के मारने की तैयारी कर रहे हैं. पिता के प्रचार के दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया ने कई मुद्दों पर चर्चा की.
राजघराने और जनता के बीच पारिवारिक रिश्ता
गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में लगातार प्रचार में जुटे महाआर्यमन सिंधिया से पहला सवाल राजघराने और जनता के बीच के रिश्ते को लेकर था. जिस पर उन्होंने कहा कि 'अगर आसान शब्दों में कहें तो यह रिश्ता एक पारिवारिक रिश्ता है. यह रिश्ता हमने सालों के संबंध से मजबूत किया है. राजमाता विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस क्षेत्र में इतना काम किया है. तीनों पीढ़ियों ने इस क्षेत्र में बहुत काम किया है, और उन्हें इतना ही प्यार यहा से मिला है. महाआर्यमन ने कहा कि आगे भी हम आने वाले 5 सालों में चाहते हैं कि यह रिश्ता और मजबूत हो.'
राजनीति को लेकर पिता सिंधिया ने बेटे को दिए टिप्स
महाआर्यमन से जब पूछा गया कि साल 2019 से लेकर अब तक क्या बदलाव नजर आ रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि ' बहुत कुछ बदला है. एमपी में विकास और प्रगति तेजी से हुआ है. बीजेपी ने कार्यकर्ताओं के साथ और अब हम भाजपा के साथ लगातार विकास के कार्य कर रहे हैं. वहीं पिता से टिप्स को लेकर महाआर्यमन ने बताया कि 'दो सबसे जरूरी टिप्स हैं. सबसे पहले पिता ने टिप्स दिया है कि आप आम लोगों से जाकर मिलिए. उनके घर जाइए बातें करिए. आपका संबंध राजनीति की तरह नहीं रहना चाहिए, बल्कि आप उनके घर और दिलों में बस जाएं ऐसा कुछ रहे. उन्होंने कहा कि जनता और नेता के बीच किसी तरह का बैरियर नहीं होना चाहिए. हम उनसे और वो हमसे अच्छे से बात कर सकें. युवाओं का दोस्त बन सके. ये जरूरी है.
महाआर्यमन बोले-विदेश से अनुभव लेकर आया
विदेशी माहौल और ग्रामीण परिवेश में अंतर को लेकर महाआर्यमन सिंधिया ने कहा कि ' मैं इसलिए वहां गया था कि, क्योंकि विदेश का जो अनुभव है, वह लेकर यहां आऊं. विदेशों में जिस तरह बिजली-पानी का संरक्षण करते हैं, ऐसी ही योजनाएं हम भारत में ग्रामीणों क्षेत्रों में ला सके. जिससे गांव-गांव पानी बिजली की समस्या को दूर कर सके हैं. एक हाइटेक चीजें गांव-गांव में पहुंच सके.
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