प्रयागराज: धर्म और आस्था की नगरी संगम नगरी में महाकुंभ मेले को देखते हुए संतों का सबसे बड़ा जूना अखाड़ा रविवार को नगर प्रवेश करने जा रहा है. कुछ दिन पहले ही इस अखाड़े के कुछ साधु संत शहर के बाहर अंदावा के पास स्थित एक आश्रम पहुंच रहे है. इसमें जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़ा भी शामिल हो रहा है.
योगानंद गिरी महाराज ने बताया कि महाकुंभ महापर्व के दौरान किसी प्रकार का कोई विघ्न ना आए और किसी को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए रविवार को ही श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े द्वारा शनिदेव, यमुना व धर्मराज का पूजन किया जाएगा. नगर प्रवेश यात्रा अंदावा के रामपुर से शुरू होगी और श्री मौजगिरि श्रीपंच दशनाम अखाड़े तक जाएगी.
इसे भी पढ़े-जूना अखाड़ा कितना बड़ा, कितने नागा साधु जुड़े, कौन से हथियार लेकर चलते, कैसे करेंगे महाकुंभ में प्रवेश?
जूना अखाड़े की पेशवाई यात्रा: इस अखाड़े से जुड़े साधुओं का आगमन रविवार को नगर प्रवेश के साथ ही शुरू हो गया है. बैंड-बाजा पालकी के साथ अखाड़े के संतों ने नगर में प्रवेश करेगे. इस दौरान शोभायात्रा भी निकलेगी. गंगापार में झूंसी इलाके से बैंड बाजे के साथ संतो का नगर प्रवेश शुरू होगा. जो यमुना के किनारे मौजगिरी आश्रम तक आएगा. यहां पर नगर प्रवेश करके साधु संत डेरा डालेंगे और इसी जगह से आने वाले दिनों में जूना अखाड़े की पेशवाई अथवा छावनी प्रवेश यात्रा निकलेगी. इस यात्रा के बाद अखाड़ों की तरफ से पेशवाई निकाली जाएगी, हालांकि अभी पेशवाई की तिथि घोषित नहीं की गई है.
किन्नर अखाड़ा भी होगा शामिलः इस नगर प्रवेश में जूना अखाड़े के साथ ही किन्नर अखाड़ा भी शामिल होगा.नगर प्रवेश यात्रा में बैंड बाजे की धुन के बीच रथ बग्घी और अन्य सवारियों पर सवार होकर जूना अखाड़े के साधु संत नगर प्रवेश करेंगे. जिसमें जूना अखाड़े के साथ ही किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर और महंत भी शामिल रहेंगे. नगर प्रवेश के इस कार्यक्रम में अखाड़े के संतों महंतों का स्वागत सम्मान प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अधिकारी कर्मचारी भी करेंगे.
यह भी पढ़े-महाकुंभ से पहले साधु-संतों के अखाड़ों में क्यों छिड़ा विवाद, क्या है इसके पीछे का कारण?, पढ़िए डिटेल