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महाकुंभ 2025: मेले में ड्यूटी के लिए खुद ही अप्लाई कर रहे पुलिसकर्मी, फर्ज के साथ पुण्य लाभ की कामना

संगम के तट पर लगने वाले विश्व के सबसे बड़े आयोजन में सहभागिता करने की पुलिसकर्मियों में होड़.

महाकुंभ 2025
महाकुंभ 2025 (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 24, 2024, 2:23 PM IST

प्रयागराज: महाकुम्भ 2025 में पुण्य लाभ की कामना लिए देश-विदेश से श्रद्धालु संगमनगरी आएंगे. इसके साथ ही अलग-अलग जिलों से पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी यहां लगाई जा रही है. इसमें कई पुलिकर्मी ऐसे हैं, जिन्होंने ड्यूटी के साथ ही लोगों की सेवा की भावना के साथ यहां अपनी तैनाती करवाई है. खुद आवेदन कर धर्म अध्यात्म के इस मेले में फर्ज निभाने आए हैं. इस बार महाकुम्भ में 30 हजार से अधिक फोर्स तैनात होगी, जिसमें अनुमान है कि दस फीसदी ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जो इस पवित्र आयोजन में अपनी सहभागिता देना चाहते हैं.

महाकुंभ 2025 में ड्यूटी लगवाने वाले पुलिसकर्मियों में उत्साह है. (Video Credit; ETV Bharat)

30 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी होंगे तैनात:महाकुंभ मेला जनवरी में शुरू होगा और इस बार के मेले में 30 हजार से ज्यादा सुरक्षा बलों की तैनाती होनी है. इसमें पुलिस-पीएसी के साथ ही होमगार्ड्स और पैरामिलिट्री के जवान शामिल होंगे. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में सुरक्षा के लिए सेना और देश की सभी खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय रहेंगी. बड़ी संख्या में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों में से करीब 10 फीसदी तक ऐसे हैं, जिन्होंने खुद ही ड्यूटी के लिए आवेदन किया है.

श्रद्धालुओं की सेवा का मिलता है अवसर:एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी ने बताया कि महाकुम्भ मेला में ड्यूटी करने के साथ ही श्रद्धालुओं की सेवा करने का भी अवसर मिलता है. इसके साथ ही उन्हें संगम दर्शन, स्नान आदि का भी मौका मिल जाता है, जिस कारण बड़ी संख्या में पुलिस वाले महाकुम्भ मेले में ड्यूटी करने के लिए आवेदन करते हैं. लेकिन उन सभी आवेदन करने वालों की ड्यूटी मेला में नहीं लगाई जाती है. उसमें से छांटकर उन लोगों की ड्यूटी लगाई जाती है, जो मेले में पहले कार्य कर चुके हैं या जिनका काम करने का रिकॉर्ड अच्छा होता है. इसके साथ ही मेले में ड्यूटी के दौरान मांस मदिरा का सेवन न करते हों.

माता पिता की प्रेरणा से ड्यूटी के लिए आने लगे :संभल से आए सब इंस्पेक्टर उदय भान उपाध्याय ने बताया कि वो 2013 में भी महाकुम्भ में ड्यूटी कर चुके हैं. इस बार खुद आवेदन करके तीन महीने पहले से ही ड्यूटी करने आ गए हैं. कहा कि मेले में ड्यूटी करके ये लगता है कि हमें कुछ अद्भुत फल की प्राप्ति होती है. 2013 के कुंभ में भी ड्यूटी करके जो परम आनंद और सुख की प्राप्ति हुई थी, उसी के लिए वो फिर से महाकुम्भ में ड्यूटी करने के लिए आ गए हैं. कहते हैं, जब उन्होंने संगम तट पर ड्यूटी लगने की जानकारी घर माता-पिता को दी तो उन्होंने कहा था कि ऐसी जगह नौकरी करने का अवसर भाग्यवानों को ही मिलता है. ड्यूटी के दौरान स्नानार्थियों, कल्पवासियों की सेवा करने का जो भी मौका मिले, उसे पूरी निष्ठा ईमानदारी और सेवा भाव से करना तो भगवान का आशीर्वाद और पुण्य मिलेगा.

18 साल बाद गंगा भक्तों की सेवा का मिला मौका :इसी तरह वाराणसी से आए हुए निकेश पांडेय ने बताया कि ड्यूटी के साथ संगमनगरी की भव्यता दिव्यता भाती है. यहां लगने वाला कुंम्भ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है और संगम किनारे बसी तंबुओं की नगरी का माहौल रमणीय होता है. उन्होंने 2007 के अर्धकुंभ में ड्यूटी की थी और 18 साल बाद इस मेले के आयोजन की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने यहां ड्यूटी करने का मन बना लिया था. उसी के तहत उन्होंने इस बार मेले में ड्यूटी करने के लिए आवेदन किया और उनका चयन हो गया. ड्यूटी के साथ ही धर्म का फर्ज निभाने और पुण्य कमाने का भी मौका है. मेला क्षेत्र में आने के बाद सुबह उठकर व्यायाम, योगा, ध्यान और गंगा का दर्शन करने का सौभाग्य अभी से ही मिलने लगा है.

हरिद्वार कुंम्भ के बाद अब प्रयागराज ड्यूटी के लिए आए:यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल सुनील कुमार यादव ने बताया कि उत्तराखंड के हरिद्वार में लगे पिछले कुंम्भ में उन्हें ड्यूटी के लिए भेजा गया था.जहां पर आस्था के मेले में मिले धार्मिक अनुभव को पुनः हासिल करने के लिए इस बार उन्होंने महाकुम्भ 2025 में ड्यूटी के लिए आवेदन किया था. देवरिया से आकर महाकुंभ मेला पुलिस लाइन में प्रशिक्षण हासिल कर रहे सुनील ने बताया कि हरिद्वार कुंभ में ड्यूटी करने के दौरान उन्हें श्रद्धालुओं की सेवा करने का अवसर मिला था. गंगा भक्तों की उसी तरह से सेवा करने के मकसद से इस बार 2025 के महाकुम्भ में ड्यूटी करने के लिए उन्होंने खुद आवेदन किया और उन्हें मां गंगा की गोद मे रहकर भक्तों की सेवा करने का अवसर मिल गया है.

ड्यूटी के साथ श्रद्धालुओं की सेवा और संतों का मिलेगा दर्शन :अंबेडकर नगर में तैनात एसआई उमेश कुमार ने बताया कि 2013 और 2019 के कुंम्भ मेला में ड्यूटी कर चुके हैं. 2025 के महाकुम्भ में ड्यूटी करने के लिए इस बार उन्होंने आवेदन किया था. उमेश ने बताया कि ड्यूटी के साथ धर्म पुण्य का कार्य करने के लिए महाकुम्भ में आते रहे हैं. यहां पर श्रद्धालुओं की सेवा करने के साथ ही साधु-संतों का दर्शन करके भी पुण्य कमाने का मौका मिलता है. इस कारण वो सनातन धर्म के सबसे बड़े मेले में आवेदन करके ड्यूटी करने के लिए तीसरी बार आए हुए हैं. महाकुम्भ के आयोजन में ड्यूटी करके एक तरफ जहां वो नौकरी का धर्म निभाते हैं वहीं साधु संतों का दर्शन करने के साथ श्रद्धालुओं की सेवा कर पुण्य लाभ भी अर्जित करते हैं.

पहली बार ड्यूटी करने वालों में है उत्साह :महाकुम्भ में ड्यूटी करने आये कई ऐसे पुलिस वाले भी हैं जिन्होंने पहली बार आवेदन किया था. अब वो मेला ड्यूटी की ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं. सीतापुर से आये हुए सुधीर कुमार सिंह और वाराणसी से आये हुए प्रवीण गिरी का कहना है कि यह हमारे धर्म का सबसे बड़ा पर्व है और यहां पर आकर हमें त्रिवेणी दर्शन के साथ ही तमाम साधु-संतों का दर्शन भी करने का मौका मिलेगा. प्रवीण गिरी ने बताया कि वो पहली बार महाकुंभ में ड्यूटी करने आए हैं. इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्यूटी करने का सौभाग्य मिल चुका है. कहना है कि वो अपने घर में कुंभ मेला क्षेत्र में आने और स्नान करके वापस जाने के धार्मिक मान्यताओं-महत्व के बारे में सुनते थे. इस बार यहां ड्यूटी करके उन्हें यह सौभाग्य हासिल हुआ है.

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