अजमेर: शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि प्रायोगिक परीक्षा परिक्षकों की आवभगत की परंपरा बन गई है. अधिकारियों को कहा गया है कि यह परंपरा बंद होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रायोगिक परीक्षा में प्रत्येक विद्यार्थी का सही मायने में मूल्यांकन हो. दिलावर ने गुरुवार को अजमेर में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में समीक्षा बैठक में बोर्ड और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिए.
मदन दिलावर ने प्रैक्टिकल के परीक्षकों पर दिया बड़ा बयान (ETV Bharat Ajmer) दिलावर ने कहा कि प्रायोगिक परीक्षा जिनको प्रैक्टिकल परीक्षा भी कहते हैं, इनमें पता नहीं कब से परीक्षक की आवभगत की परंपरा बन गई है. यह सरकार के आदेश तो नहीं है. प्राइवेट परीक्षकों की आवभगत होती है. बैंड बाजो के साथ परीक्षक का स्वागत होता है. उसे अच्छे होटलों में ठहराया जाता है. ताकि स्कूल के बच्चों को प्रायोगिक परीक्षा में अच्छे अंक परीक्षक देकर जाएं. जब मैं पढ़ता था, मैं भी उस दौर से गुजरा हुं. मुझे उस वक्त भी अच्छा नहीं लगता था, आज भी नहीं लगता. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इससे बचें. साथ ही प्रायोगिक परीक्षा में विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन करें.
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उन्होंने कहा कि अभी तक जितनी भी रीट परीक्षाएं राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित की गई हैं, उनमें अभी तक किसी भी तरह की समस्या बोर्ड के अधिकारियों को नहीं आई है. पहली बार राजस्थान में रीट परीक्षा में बीएसटीसी और B.Ed कर रहे विद्यार्थियों को भी पात्र माना है. फिर चाहे विद्यार्थी को बीएसटीसी और B.Ed में दाखिला लिए हुए एक माह भी क्यों ना हुआ हो. इससे विद्यार्थी के साल बचेंगे.
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एक सवाल के जवाब में दिलावर ने कहा कि रीट की परीक्षा का आयोजन फरवरी माह में प्रस्तावित है. ऐसे में स्वाभाविक है कि बोर्ड की परीक्षा आगे खिसकेगी. वहीं रीट परीक्षा की तिथि को लेकर उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों की संख्या और परीक्षा केंद्र के निर्धारण में लगने वाले समय पर निर्भर है कि परीक्षा 27 फरवरी को होगी या इसको आगे बढ़ाया जाएगा. 6 मार्च 2025 के करीब बोर्ड की परीक्षा आरम्भ होंगी. बोर्ड में 30 वर्षों से रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश 4 लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की है, तो इसमें बोर्ड में रिक्त पद भी भरे जाएंगे.