बीकानेर. गुप्त नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में मां कात्यायनी की पूजा का खास महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आ रहे संकट स्वत: ही दूर हो जाते हैं.
आज्ञा चक्र होता है जागृत : गुप्त नवरात्र के छठे दिन देवी के कात्यायनी स्वरूप की उपासना में साधक का मन 'आज्ञा चक्र' में स्थित होता है. योग साधना में इस आज्ञा चक्र का महत्वपूर्ण स्थान है. इस चक्र में स्थित मन वाला साधक मां कात्यायनी के चरणों में सर्वस्व अर्पण कर देता है.
माता कात्यायनी की पूजा का बड़ा महत्व :पंचांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आ रहे संकट स्वत: ही दूर हो जाते हैं. पूजा से साधक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है. साधक यदि पूरे विधि-विधान के पूजा-अर्चना करता है तो उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और शत्रुओं का नाश भी स्वत: हो जाता है. साथ ही देवी की कृपा से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से भी साधक को मुक्ति मिलती है.