अलवर: अलवर शहर के आबादी क्षेत्र में मंगलवार को तीन घंटे तक लोगों में पैंथर की दहशत रही. सरिस्का व अलवर वन मंडल की टीमों ने पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया और अब उसे सरिस्का के जंगल में छोड़ा जाएगा. मंगलवार सुबह करीब 8:15 बजे शहर के खदाना मोहल्ला के पास स्थानीय लोगों ने पैंथर की हलचल देखी. इसके बाद पैंथर वहां से भाग निकला. इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने पैंथर के मूवमेंट का पीछा किया. डीएफओ का कहना था कि कॉलेज परिसर में घूम रहे पैंथर व रेस्क्यू किए गए पैंथर के फीचर समान है, लेकिन एतिहात के तौर पर अभी कॉलेज परिसर में वन कर्मियों की मॉनिटरिंग जारी रहेगी.
अलवर वन मंडल के डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि उन्हें सुबह कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि पैंथर आबादी क्षेत्र में आया है. सूचना पर तत्काल वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची. सरिस्का के डॉक्टर व तकनीकी टीम को भी मौके पर बुलाया गया. साथ ही पुलिस का सहयोग लेकर जिस क्षेत्र में पैंथर था उस क्षेत्र को घेरा गया. यहां पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास था, लेकिन लोगों की आवाज के चलते पैंथर वहां से भाग कर कंपनी बाग की झाड़ियों में छिप गया.
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उन्होंने बताया कि कंपनी बाग को घेरकर मौके पर मौजूद लोगों को बाहर निकाल कर कुछ समय तक यातायात को बंद करवाया गया. इसके बाद करीब एक घंटे के अंदर इसे रेस्क्यू किया गया है. अब पैंथर को शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर सरिस्का के घने जंगलों में छोड़ा जाएगा.
आर आर कॉलेज में भी यही पैंथर: डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने कहा कि रेंजर शंकर सिंह व डॉक्टर से इस बात पर चर्चा की गई कि यह कॉलेज परिसर से आया पैंथर है या अन्य पैंथर. उन्होंने कहा कि देखने पर रेस्क्यू किए गए पैंथर के फीचर एक समान है, संभवतः यह वही पैंथर भी हो सकता है. लेकिन अभी कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी, कॉलेज परिसर ने भी वन कर्मियों की मॉनिटरिंग व कैमरा ट्रैप से निगरानी कुछ समय तक जारी रहेगी. इससे पता लगेगा कि यह पैंथर यही है या कोई अन्य पैंथर है. डीएफओ ने बताया कि रेस्क्यू किए गए मेल पैंथर की उम्र करीब 5 साल है.