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गंगा सप्तमी को हुआ था पृथ्वी पर मां गंगा का प्रार्दुभाव, जानें इसका महत्व - Ganga Saptmi 2024

GANGA SAPTMI 2024: गंगा सप्तमी पर बहुत से लोग गंगा में डुबकी लगाते हैं. ऐसा करने वाला व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 11, 2024, 8:03 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:सनातन धर्म में गंगा सप्तमी का विशेष महत्व बताया गया है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार गंगा सप्तमी का पर्व मंगलवार 14 में 2024 को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां गंगा की पूजा अर्चना करने से पाप नष्ट होते हैं.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि ऐसा पौराणिक आख्यान है कि इक्ष्वाकु वंश के महाराज सागर के पौत्र महाराज भगीरथ अपने 60 हजार पूर्वजों की मुक्ति के लिए स्वर्ग लोक से गंगा जी को पृथ्वी पर लाए थे. क्योंकि उनके 60 हजार पूर्वज महर्षि कपिल के शाप से भस्म हो गए थे. उनकी आत्मा शांति के लिए यह आवश्यक कार्य था.

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उन्होंने कई हजार वर्षों तक ब्रह्मा जी की तपस्या की. ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए और वरदान दे दिया कि गंगा जी को तो स्वर्ग से छोड़ देंगे लेकिन सीधी गंगा जी पृथ्वी पर जाएंगी तो पाताल में समा जाएंगी. इसके लिए भगवान शिव की तपस्या करो. उसके पश्चात महाराज भगीरथ ने शिव की वर्षों तक तपस्या की.

भगवान शिव प्रसन्न हुए और वे अपनी जटाओं को खोलकर खड़े हो गए. स्वर्ग लोक से कल-कल करती हुई गंगा की निर्मल धारा पृथ्वी की तरफ बढ़ने लगी. भगवान शिव ने गंगा की पवित्र धारा को अपनी जटाओं में समाहित कर लिया और अपनी जटाओं की एक लट खोल दी. जिसमें से धीरे-धीरे जहां पर आज गंगोत्री धाम है, वहां से गंगा पृथ्वी पर अवतरण हुई.

आचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि गंगा का प्रादुर्भाव हुआ और आगे-आगे भागीरथ और पीछे-पीछे मां गंगा उत्तर भारत को पल्लवित पुष्पित एवं पृथ्वी को शस्य श्यामला बनाती हुई गंगासागर मे पहुंच गईं. जहां महाराज भगीरथ के 60 हजार पूर्वज भस्म हो गए थे. उनको उनकी आत्मा को मुक्ति मिल गई. इस प्रकार कल- कल करती हुई गंगा ने पूरे उत्तर भारत को अपने पवित्र जल से पवित्र कर दिया.

उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर गंगा के अवतरण दिवस पर बहुत से लोग गंगा स्नान करते हैं. साथ पापों से मुक्ति के लिए गंगा की महिमा के श्लोक, मंत्र जाप और प्रार्थना करते हैं. गंगा स्नान करने वाला व्यक्ति ज्ञात-अज्ञात पापों से मुक्त हो जाता है.

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