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योगी सरकार ने दिव्यांगजन कल्याण के लिए जारी किया 1424 करोड़ का बजट, 35 करोड़ से खरीदे जाएंगे कृत्रिम उपकरण - BUDGET FOR DISABLED

योगी सरकार ने 10 करोड़ रुपये की राशि असहाय दिव्यांगजनों के इलाज में अनुदान योजना के लिए तय की है.

सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 26, 2025, 4:46 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में बेहतर कदम उठाया है. 2025-26 के बजट में दिव्यांगजन कल्याण के लिए 1424 करोड़ रुपये की बड़ी राशि प्रस्तावित की है. इसमें से 35 करोड़ रुपये का बजट कृत्रिम श्रवण सहायक यंत्र, व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल और अन्य सहायक उपकरणों के लिए प्रस्तावित किया है. इससे दिव्यांगों को समय पर कृत्रिम सहायक उपकरण मिल सकेंगे और उनकी दिक्कत दूर हो सकेगी.





उत्तर प्रदेश सरकार ने भरण-पोषण अनुदान योजना के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के लिए 1424 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. इस योजना का उद्देश्य दिव्यांगजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. जिससे वे अपने जीवनयापन के लिए किसी पर निर्भर न रहें. दिव्यांगजन की जीवनशैली को सरल और सुगम बनाने के लिए सरकार ने 35 करोड़ रुपये का बजट कृत्रिम श्रवण सहायक यंत्र, व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल और अन्य सहायक उपकरणों के लिए प्रस्तावित किया है. यह पहल उन्हें शारीरिक रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी. तकनीक की सहायता से दिव्यांगजन अब नए अवसरों की ओर बढ़ सकेंगे.

योगी सरकार ने 10 करोड़ रुपये की राशि असहाय दिव्यांग व्यक्तियों के इलाज में अनुदान योजना के लिए तय की है. इस अनुदान से दिव्यांगजन को समय पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी. इससे उनका जीवन सुगम होगा. इसके अलावा दिव्यांग बच्चों की देखभाल और शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने प्रदेश के 18 मंडलों में बचपन डे केयर सेंटर स्थापित किए हैं. इन केंद्रों में तीन से सात वर्ष के श्रवणबाधित, मानसिक मंदित और दृष्टिबाधित बच्चों के लिए विशेष शिक्षा और देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.


मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि विकास का असली अर्थ तभी है, जब समाज के सबसे कमजोर वर्ग की जरूरतें पूरी हो और उन्हें उनका अधिकार मिलें. सीएम योगी की अगुवाई में मनरेगा योजना को इस तरह से लागू किया गया है कि दिव्यांगजन भी इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें. मनरेगा योजना के अंतर्गत दिव्यांगजनों को उनकी योग्यता, क्षमता और कार्यकुशलता के अनुसार रोजगार प्रदान किया जा रहा है. इसी के मद्देनजर वर्ष 2017-18 से लेकर अब तक 1.24 लाख से अधिक दिव्यांग जनों को रोजगार देकर उनकी आजीविका को सशक्त बनाया गया है. इन दिव्यांगजनों के माध्यम से अब तक 44.64 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं.




दिव्यांगजनों को रोजगार से जोड़ रही योगी सरकार:मनरेगा योजना के अंतर्गत जरूरतमंद श्रमिकों को उनकी मांग के अनुसार 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. दिव्यांगजनों को उनकी जरूरतों और क्षमता के आधार पर कार्य सौंपा जा रहा है. यह योजना न केवल रोजगार प्रदान कर रही है, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता को भी बढ़ावा दे रही है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिव्यांगजनों को रोजगार उपलब्ध कराने में अभूतपूर्व प्रगति हुई है. इस वर्ष 50 हजार 201 पंजीकृत दिव्यांग जॉब कार्ड धारकों में से 23 हजार 262 दिव्यांगजनों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार प्रदान किया गया है. इसके साथ ही अब तक 8.28 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं.

बीते वर्षों 2017-18 में 11 हजार 332, 2018-19 में 10 हजार 993, 2019-20 में 10 हजार 699, 2020-21 में 17 हजार 400, 2021-22 में 14 हजार 65, 2022-23 में 13 हजार 948 और 2023-24 में 22 हजार 630 दिव्यांगजनों को रोजगार प्रदान किया गया. वर्तमान वर्ष में यह आंकड़ा अब तक 23 हजार 262 तक पहुंच गया है. दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप का कहना है कि सरकार लगातार दिव्यांगों के कल्याण पर ध्यान दे रही है. उनकी चिकित्सा सुविधा हो या उन्हें रोजगार दिलाने की बात, सरकार ने लगातार दिव्यांगों को सहायता दी है. इस बार भी सरकार ने बजट में विशेष प्रावधान किया है.

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