लखनऊ :आज भी हमारे समाज में सेक्स एजुकेशन की बेहद कमी है. लोग अपने पार्टनर से खुलकर बात नहीं करते हैं. ऐसे में अक्सर महिलाओं को दिक्कतों का सामना ज्यादा करना पड़ता है. यौन समस्याओं को महिलाएं झेलती रहती हैं. ऐसे में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से पीड़ित महिलाओं की संख्या काफी बढ़ गई है. मौजूद समय अस्पतालों आने वालों में ऐसी ही महिलाओं की संख्या ज्यादा है.
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज या इंफेक्शन (एसटीआई) काउंसलर मीना कुमारी ने बताया कि वर्तमान समय में सेक्स एजुकेशन बहुत जरूरी है. अगर लोग जागरूक रहेंगे तो बीमारियों से बचे रहेंगे. आज के समय इंटरनेट की सुविधा है, हर किसी के हाथ में एंड्रॉयड फोन है. आसानी से सारी चीज उपलब्ध हैं. लोगों को जानना जरूरी है कि इंटरनेट पर उपलब्ध हर चीज सच नहीं होती है. आधी अधूरी जानकारी लेना खतरानाक है. ऐसे में विशेषज्ञ की बात करें. इसके बाद ही किसी तरह दवाएं या उपचार अमल में लाएं.
फ्लेवर्ड कंडोम बेहद खतरनाक :काउंसलर मीना कुमारी ने बताया कि बाजार में बिकने वाले फ्लेवर्ड कंडोम वैजाइना सेक्स के लिए नहीं होते हैं. ये सिर्फ ओरल सेक्स के लिए होते हैं. हालांकि अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. फ्लेवर्ड कंडोम में फ्लेवर्ड कलर केमिकल और शुगर के साथ अन्य तत्व भी मिले होते हैं जो महिला के लिए नुकसानदायक होते हैं. इंटरकोर्स के दौरान यही रासायनिक तत्व महिला के वैजाइना में रह जाते हैं जो इंटरनल पार्ट इंफेक्शन, व्हाइट डिस्चार्ज, दाने, खुजली जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं. कई मामलों में इनकी वजह से महिलाओं को उच्च स्तरीय यूटीआई की समस्या हो जाती है.