लखनऊः राजधानी के माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने अपनी मम्मी की डांट पढ़ने के बाद एक ऐसे डिवाइस का आविष्कार किया है जो सभी घरों की आम समस्या को पूरी तरह से समाप्त कर सकता है. 9वी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र ने एक ऐसी डिवाइस को तैयार किया है जो घर में लगाने के बाद बरसात के समय सूखे हुए कपड़ों को गीला होने से बचाएगा. इसके लिए किसी भी व्यक्ति को बरसात के समय सूखे कपड़े को ढकने को बालकनी या छत से उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी. डिवाइस खुद ही सभी कपड़ों को ऑटोमेटिक छत या बालकनी से हटाकर उसे सुरक्षित जगह पर रख देगी. इंदिरा नगर के सेक्टर 11 में स्थित स्कूल ममता सरस्वती विद्या मंदिर के नवी कक्षा के छात्र ने यह मॉडल बनाया है.
मम्मी की डांट से बनाई डिवाइसःस्कूल ममता सरस्वती विद्या मंदिर कक्षा नौवीं कक्षा आकाश कुमार ने बताया की एक दिन उनकी मम्मी सभी कपड़ों को धोकर बाहर फैलाया था. और वह मार्केट चली गई थी मार्केट जाने से पहले मम्मी ने कहा था, अगर बरसात हो तो कपड़े उठा लेना पर मैं यह बात भूल गया और बरसात हो गई और पूरे कपड़े गीले हो गए थे. मम्मी जब मार्केट से वापस आए तो उन्होंने यह देखकर मुझे काफी डाटा था. मम्मी की दांत के बाद मैं काफी सोच में पड़ गया और यह बात अपने स्कूल के टीचरों को बताई जिसके बाद टीचरों ने मुझे एक ऐसे डिवाइस पर काम करने की सलाह दी जो बरसात के समय हर घर की इस आम समस्या को दूर कर सके. आकाश ने बताया कि इसके बाद काफी रिसर्च करने के बाद यह डिवाइस बनाने का प्लान दिमाग में आया.
पानी की एक बूंद पढ़ते ही डिवाइस हो जाएगी एक्टिवःआकाश ने बताया कि उन्होंने जो डिवाइस बनाया है वह पानी की बूंद पड़ते ही एक्टिव हो जाएगी और ऑटोमेटिक ही बाहर पहले कपड़ों को सुरक्षित जगह पर रख देगा. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस में एक सेंसर लगा है जो बारिश की एक बूंद पढ़ते ही एक्टिव हो जाएगा और सेंसर से कनेक्ट रोड जिस पर कपड़े सूख रहे होंगे उसे खींचकर उसे दिशा में मोड़ देंगे जहां पर कपड़े गीले नहीं होंगे. छात्र ने बताया कि इसके बाद यह डिवाइस दोबारा एक्टिव तब होगा जब डिवाइस पर पड़े पानी को कपड़े के माध्यम से पूरी तरह से सुखाया जाएगा. इसके बाद ही डिवाइस में लगा रोड पुनः अपनी जगह पर स्थापित हो जाएगा. आकाश ने बताया कि जब तक डिवाइस पर पानी पड़ता रहेगा तब तक डिवाइस एक्टिव रहेगी.
छात्रों ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat)
सेंसर से पता लगेगा रोड पर कोई बड़ा जानवर तो नहीं हैःवहीं, इस विद्यालय के कक्षा 9 के छात्र अपूर्व सिंह ने भी एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जो इंफ्रारेड तकनीक पर आधारित है. उसने बताया कि उसका मॉडल ऐसा है. जो जंगली रास्तों से गुजरते वक्त बिजली के खंबों पर लगी लाइट को सेंसर के माध्यम से जला देगा और जैसे ही आप आगे गुजरेंगे वह लाइट ऑटोमेटिक खुद ही बंद हो जाएगी. अपूर्ण ने बताया कि एक बार मैं अपने पिता के साथ दिल्ली जा रहा था तो मैंने देखा कि एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे लाइट जलती रहती है उन्हें बंद करने का कोई भी सिस्टम नहीं था. तब पापा से पूछा तो उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस वे पर लाइटों को बंद करने का सिस्टम होना चाहिए. इसी को ध्यान में रखकर मेरे दिमाग में ऐसा आईडिया आया कि जब रात में हम किसी रोड पर जा रहे हो तो स्ट्रीट लाइट पूरी रात ना चले जबकि उनका प्रयोग उतना ही समय के लिए हो जितने समय के लिए वहां से कोई गुजर रहा हो इसके लिए इस डिवाइस को बनाया है. यह डिवाइस सेंसर बेस्ड है इसमें जैसे ही कोई बड़ी चीज इसके सामने से गुजरेगी यह उसको डिडक्ट कर खुद ही लाइट को ऑन कर देगी. चैन साइकिल सिस्टम पर इसी तरह अगली लाइट जल जाएगी और पिछली लाइट बंद हो जाएगी.
ये भी फायदा होगाः अपूर्ण बताया कि एक्सप्रेसवे के अलावा इस तकनीक का प्रयोग उन क्षेत्रों में ज्यादा हो सकता है जो नेशनल फॉरेस्ट के आसपास हो जहां पर अचानक से बड़े जानवर 20 सड़क पर आ जाते हैं. अपूर्ण बताया कि वहां पर इस इस सिस्टम को लगाने से हाथी गंदा बड़ा सिंगर या भैंस जैसे बड़े जानवर अगर में रोड पर आते हैं तो उनके शरीर से निकलने वाली इंफ्रारेड तरंगों को महसूस कर उनके आसपास की स्ट्रीट लाइटों को खुद ही जला देगी जिससे उसे रोड से निकल रहे वाहनों जानवर को देखने में आसानी होगी. कन्हैया पता लग जाएगा कि आगे लाइट जल रही है इसका मतलब वहां कोई ना कोई ऐसी चीज है जिससे एक्सीडेंट होने का खतरा है.
इंस्पायर अवार्ड के लिए चुना गया मॉडलःस्कूल के प्रबंधक राजेश शर्मा ने बताया कि आकाश कुमार का यह मॉडल जिला लेवल पर इंस्पायर अवार्ड के लिए प्रदर्शित किया गया था. जिसे आगे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चुन लिया गया है. उन्होंने बताया कि हमारे विद्यालय में बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक जैसे आधुनिक विषय की पढ़ाई कराई जाती है बच्चे ने जब स्कूल में अपनी इस समस्या को बताया तो स्कूल के टीचरों ने मिलकर उसे इस डिवाइस को तैयार करने में पूरी मदद की है. स्कूल के प्रिंसिपल मेरे पास सिंह ने बताया कि हमारे स्कूल में बच्चों के अंदर छुपे टैलेंट को उभारने के लिए अटल लैब है. जहां पर बच्चों को उनके इतिहास को डेवलप करने के लिए काम किया जाता है. स्कूल समाप्त होने के बाद वह रख कर अपने इतिहास को डेवलप करते हैं. जिसमें हमारे स्कूल के टीचर्स उनकी काफी मदद करते हैं.
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