लखनऊ : संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) में बीते 4 साल से रुके अवार्ड मिलने की उम्मीद अब बढ़ गई है. संगीत नाटक अकादमी की नई कार्यकारिणी गठित होने के बाद गुरुवार को हुई पहली बैठक में राज्य पुरस्कारों के लिए तैयारी शुरू करने के निर्देश अध्यक्ष ने दिए हैं. कला विभूतियों को वर्ष 2020 में अंतिम बार पुरस्कार में दिए गए थे. इसके बाद अब तक पुरस्कारों की घोषणा अभी तक नहीं की जा सकी है.
1970-71 से दिए जा रहे हैं अकादमी सम्मान :उत्तर प्रदेश के शास्त्रीय संगीत कलाकार, लोक कलाकार, नाट्य विद्या से जुड़े कलाकार, तबला वादक समेत अन्य कलाकारों को अकादमी अवार्ड मिलने की परंपरा चली आ रही है. इसके लिए कलाकार आवेदन करते हैं और समिति के द्वारा योग्य व्यक्ति का चयन कर अवार्ड की घोषणा कर दी जाती है. अकादमी सम्मान वर्ष 1970-71 से दिए जा रहे हैं और साथ ही संगीत नाटक अकादमी ने वर्ष 1998 नाट्य निर्देशन के लिए बीएम शाह पुरस्कार और 1999 में सफदर हाशमी पुरस्कार शुरू किया था. अकादमी सम्मान के साथ ये सम्मान भी वर्ष 2021 से नहीं दिए गए हैं.
कार्यकारिणी समिति बनने से जगी आशा :7 सिंतबर को प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की कार्यकारिणी की घोषणा कर दी थी. 9 सिंतबर को अकादमी अध्यक्ष बनाए प्रो. जयंत खोत और उपाध्यक्ष विभा तिवारी ने पदभार भी ग्रहण कर लिया है. गुरुवार को सभी नामित 12 सदस्यों ने भी पदभार ग्रहण कर लिए. इसके अलावा गुरुवार को कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई. इसमें प्रमुख रूप से एसएनए के सभी कामों के साथ कर्मचारियों की समस्याओं को अगले 1 महीने में निपटाने की सहमति बनी. साथ ही खाली पदों को नियमानुसार भरने के लिए कार्रवाई शुरू करने की सहमति सभी सदस्यों ने दी. कार्यकारिणी बनने की सबसे ज्यादा खुशी अवार्ड का इंतजार कर रहे कलाकारों को हुई है.