लखनऊ: एक कहावत है कि करे कोई भरे कोई. परिवहन विभाग पर यह कहावत पूरी तरह सटीक बैठ रही है. गलती विभाग कर रहा है लेकिन, भरपाई आवेदकों को करनी पड़ रही है. मामला ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा हुआ है. काफी संख्या में प्रदेश के विभिन्न आरटीओ कार्यालय से आवेदकों को ऐसे ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिए जा रहे हैं जिनकी वैधता स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू होने से पहले ही समाप्त हो चुकी होती है.
खास बात ये है कि इस गलती में परिवहन विभाग आवेदकों का पैसा भी हजम कर जाता है और उसे फिर से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पैसा खर्च करना करना पड़ता है. लखनऊ आरटीओ कार्यालय में हाल ही में ऐसे दो मामले सामने आए.
डीएल में हुई गड़बड़ी के बारे में बताते लखनऊ RTO संजय तिवारी. (Video Credit; ETV Bharat) पहला मामला: लखनऊ के जानकीपुरम निवासी सुशील कुमार कनौजिया का आरटीओ कार्यालय की तरफ से ड्राइविंग लाइसेंस 8 अगस्त 2024 को जारी किया गया जबकि इसकी वैलिडिटी 18 जून 2022 को ही समाप्त दिखा दी गई. इस पर आपत्ति जताते हुए आरटीओ और परिवहन विभाग के अधिकारियों से दूसरा लाइसेंस जारी करने की मांग की है.
दूसरा मामला: लखनऊ उत्तरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक नीरज बोरा के चचेरे भाई महानगर निवासी सुनील कुमार बोरा का ड्राइविंग लाइसेंस आरटीओ की तरफ से 12 अगस्त 2024 को जारी हुआ, लेकिन कार्ड पर लाइसेंस की वैलिडिटी एक साल पहले ही खत्म कर दी गई. 12 अगस्त 2023 को यह ड्राइविंग लाइसेंस खत्म हो चुका था. इसके बाद सुनील कुमार बोरा ने आरटीओ कार्यालय से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से मामले की शिकायत की और उसी फीस में नया ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू करने की डिमांड की.
क्या कहते हैं आरटीओ: लखनऊ आरटीओ संजय तिवारी के अनुसार आवेदकों की इस तरह की शिकायतें सामने आई है कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू होने के साथ ही वैलिडिटी पहले से कार्ड पर समाप्त हो गई है. इस तरह के मामले सामने आने के बाद परिवहन विभाग मुख्यालय के साथ ही एनआईसी को पत्र भेजा गया था. एनआईसी ने इस तरह की समस्या को दुरुस्त कर दिया है. अब भविष्य में इस तरह की समस्या नहीं आएगी. जिन आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंस पर गलत वैलिडिटी प्रिंट हुई थी, उनका भी नया डीएल जारी होगा.
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