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होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर बढ़ रहा लोगों का विश्वास, बेहतर रिसर्च की जरूरत : प्रो. पुष्कर - Homeopathic Medical College Lucknow - HOMEOPATHIC MEDICAL COLLEGE LUCKNOW

लखनऊ के राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज (Homeopathic Medical College Lucknow) के नए प्रिंसिपल प्रो. विजय पुष्कर ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर चिकित्सा सेवाएं बेहतर करने का दावा किया. साथ ही यहां मौजूद मरीजों ने अपने अनुभव ईटीवी भारत से साझा किए. पढ़ें विस्तृत खबर...

राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज लखनऊ.
राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज लखनऊ. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 8:58 AM IST

लखनऊ के राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज पर लखनऊ संवाददाता की रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

लखनऊ : आयुष चिकित्सा पद्धति पर लोगों का विश्वास अडिग है. आयुष में होम्योपैथी, आयुर्वेद और यूनानी यह तीन विधा आती है. एलोपैथ दवाओं का जहां एक तरफ दुष्प्रभाव शरीर पर पड़ता है. वहीं इन तीनों विधा की दवाओं का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है और एक लंबे समय तक इसका इलाज चलता है. इसके बाद गंभीर बीमारी भी जड़ से समाप्त हो जाती है. यह तथ्य राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज में मौजूद मरीजों से बातचीत के बाद सामने आए.


ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान एक मरीज ने कहा कि एलोपैथ से बहुत अच्छी होती है आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी, क्योंकि इनकी दवाओं का दुष्प्रभाव न के बराबर होता है. यहां का मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा. थोड़ा अगर साफ-सफाई पर और ध्यान दिया जाता तो ज्यादा अच्छा होता. यहां पर इलाज बहुत अच्छा होता है. विशेषज्ञ बहुत अच्छे हैं, बस थोड़ी हाइजीन और मेंटेन होनी चाहिए. इस बार मैं अपनी मां को दिखाने के लिए आया हूं. त्वचा से संबंधित उन्हें दिक्कत है. काफी आराम मिला है.

आजमगढ़ से पहुंचीं रीता सिंह ने बताया कि मेरा खुद का अनुभव यहां का बहुत अच्छा रहा है. यहां पर इलाज बहुत अच्छा होता है. विशेषज्ञ बहुत ही प्यार से बात करते हैं. एलोपैथ की दवाओं का नुकसान बहुत होता है और यहां पर बहुत ही आराम से दिखा देते हैं. कोई दिक्कत भी नहीं होती है. पर्चा बनवाकर ओपीडी में विशेषज्ञ से दिखाते हैं. इस समय बच्चों को छोटे-छोटे दाने शरीर में हो रहे हैं. जिसकी वजह से पेडियाट्रिक विभाग में दिखाने के लिए आए है. मेरा खुद का अनुभव है कि यहां पर बहुत अच्छा है.



लखनऊ से पहुंचे गोपाल मणि त्रिपाठी ने बताया कि पिछले कुछ समय से होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज से ही इलाज चल रहा है. मंगलवार को दो नंबर ओपीडी में दिखाने के लिए तो विशेषज्ञ नहीं मिले. जिसके कारण पांच नंबर ओपीडी में दिखाना पड़ा. विशेषज्ञ ने देखा और दवाई लिखी है. चर्म रोग की समस्या है. एलोपैथ में काफी इलाज कराया, लेकिन ठीक नहीं हुई. जिसके कारण अब होम्योपैथिक इलाज चल रहा है. यहां के दबाव से आराम मिलता है.


बता दें, बीते शनिवार को राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज के नए प्रिंसिपल प्रो. विजय पुष्कर नियुक्त हुए थे. मंगलवार को पदभार संभालने के साथ ही मेडिकल कॉलेज परिसर का निरीक्षण किया और मातहतों को दिशा निर्देश दिए. प्रो. विजय पुष्कर ने बताया कि प्रदेश में पहले होम्योपैथिक की सीटें बहुत कम होती थीं. पहले से अब बहुत बदलाव आया है. पहले सीटें कहीं 30 तो कहीं 40 सीटें होती थी, लेकिन अब 90 सीट हो गई हैं. पीजी में 51 सीटें हो गई है. दिन-ब-दिन यह सीटें और भी बढ़ रही है. लगातार आयुष अस्पतालों में बदलाव आ रहा है. आज यहां पदभार संभाला है. मरीजों की तमाम दिक्कतों को दूर करना प्राथमिकता है. अभी हॉस्टल और कैंपस ओपीडी का काम चल रहा है.

रिसर्च पर दिया जाएगा अधिक ध्यान :प्रो. विजय पुष्कर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में होम्योपैथिक के ऊपर लोगों का विश्वास अधिक रहा है. गंभीर त्वचा रोग होम्योपैथ की दवाओं से ठीक होता है. कोशिश पूरी यह है कि रिसर्च पर ज्यादा ध्यान दिया जाए और रिसर्च के क्षेत्र में भी राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज आगे बढ़ें.

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