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प्रदेश के डायलिसिस नोडल सेंटर से लौटाए जा रहे मरीज, पीपीपी यूनिट में भी महीनेभर की वेटिंग - NEGLIGENCE IN DIALYSIS NODAL CENTER

Negligence in Dialysis Nodal Center : बलरामपुर अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में पीपीपी मोड पर 14 मशीनों के साथ निशुल्क डायलिसिस की व्यवस्था है.

लखनऊ में डायलिसिस की सुविधा.
लखनऊ में डायलिसिस की सुविधा. (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 17, 2024, 4:12 PM IST

लखनऊ : गोंडा के रहने वाले तुषार निगम की किडनी में समस्या है. डॉक्टरों ने डायलिसिस कराने को कहा. मरीज के बेटे संदीप ने बताया कि वह बलरामपुर अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में गए. जहां नए मरीजों की लंबी वेटिंग होने का हवाला देकर लौटा दिया गया. पीपीपी यूनिट में जाने पर उन्हें एक माह बाद पता करने को कह कर टरका दिया गया. इसी तरह लखीमपुर निवासी अशोक कुमार के बेटे आयुष कुमार (17) की दोनों किडनी में इंफेक्शन था. परिजन 9 दिसंबर को उसे लेकर केजीएमयू पहुंचे. यहां ऑक्सीजन पाइंट बेड खली न होने पर लोहिया संस्थान भेजा गया. लोहिया के डॉक्टरों ने तत्काल डायलिसिस कराने की जरूरत बताई. परिजन मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल पहुंचे. यहां डायलिसिसि के लिए वेटिंग होने का हवाला देकर लौटा दिया गया. मरीज की केजीएमयू में 10 दिसंबर को मौत हो गई.

ये घटनाएं महज उदाहरण हैं. डायलिसिस के लिए रोजाना बड़ी संख्या में मरीजों को ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा. जिले के सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा सिर्फ बलरामपुर अस्पताल में है. चिकित्सा संस्थानों में मरीजों का लोड अधिक होने के कारण कई मरीजों को रोजाना बलरामपुर अस्पताल भेजा जाता है. अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में लगी सात में से दो मशीनें कंडम हो चुकी हैं. इससे डायलिसिस के लिए लंबी वेटिंग है. मरीजों को लौटाया जा रहा.



बलरामपुर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट में कुल सात मशीनें हैं. जिसमें से दो मशीनें दो साल से अधिक समय से खराब पड़ी हैं. यूनिट के कर्मचारियों ने बताया कि मशीन बनवाने को लेकर कई बार पत्र लिखा जा चुका है. जिसके जवाब में नई पांच डायलिसिस मशीनें देने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक न मशीन की मरम्मत कराई गई न ही नई मशीन की खरीद हो सकी है. इस कारण रोजाना केवल 10-12 डायलिसिस ही हो पा रही हैं. जबकि मरीजों की संख्या 25 रहती है. ऐसे में रोजाना 10 के करीब मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है.


पीपीपी यूनिट में भी एक माह की वेटिंग

बलरामपुर अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) में पीपीपी मोड पर 14 मशीनों के साथ निशुल्क डायलिसिस की व्यवस्था शुरु की गई थी, लेकिन वहां भी मरीजों को एक माह बाद तक भी डेट नहीं मिल रही. यहां तक मरीजों का नाम भी नोट नहीं कर रहे. उन्हें एक माह बाद आकर पता करने को कहा जा रहा हैं.

बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी का कहना है कि एक निजी संस्था और कॉर्पोरेशन से कुछ नई डायलिसिस मशीनें मिलनी हैं. जिसकी प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है. उम्मीद है कि नए साल में मशीनें मिल जाएंगी.


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल में डायलिसिस की यूनिट लगी हुई है. प्रदेश भर मरीज इलाज करने के लिए आते हैं. जाहिर सी बात है एक मरीज के होने के बाद ही दूसरे मरीज का डायलिसिस हो सकेगा. यह मशीनरी उपकरण है. कभी-कभी चीजें बिगड़ जाती हैं. इनको मरम्मत के लिए भेजा जाएगा. जल्द से जल्द यह शुरू हो जाएंगे. हमारी पूरी कोशिश है कि इस वर्ष हम डायलिसिस के लिए नए उपकरण ले आएं. कोशिश की जा रही है कि प्रदेशभर से जो मरीज आ रहे हैं, उन्हें समुचित इलाज मिल सके. इसके लिए लखनऊ के अन्य जिला अस्पताल में भी डायलिसिस शुरू करने की कवायद चल रही है.

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